तब का आपातकाल आज का आपातकाल: कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, कहा बीते 11 साल से देश में अघोषित आपातकाल

कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर लगाया बड़ा आरोप,  कहा बीते 11 साल से देश में अघोषित आपातकाल
  • नफरत और कट्टरता फैलाई जा रही-कांग्रेस
  • आपातकाल को लेकर बीजेपी मना रही संविधान हत्या दिवस
  • कतंत्र में आपातकाल को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है- शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ एनडीए सरकार आज संविधान हत्या दिवस मना रही है, क्योंकि आज ही के दिन आज से पचास साल पहले भारत में कांग्रेस की इंदिरा सरकार ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। कांग्रेस ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने मोदी नेतृत्ववाली एनडीए सरकार को लेकर कहा है कि बीते 11 वर्षों से देश में अघोषित आपातकाल लागू है। आपको बता दें आज देश में आपातकाल लागू हुए पूरे 50 साल बीत गए हैं। इंदिरा गांधी ने साल 1975 में देश में आपातकाल लगाया था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर व्यवस्थागत और खतरनाक तरीके से पांच गुना ज्यादा हमला हो रहे है। जिसे अघोषित आपातकाल कहना उचित है। कांग्रेस का कहना है कि देश में सरकारी मंचों से बेलगाम नफरती भाषण दिए जा रहे हैं और नागरिकों के अधिकारों को कुचला जा रहा है, उनका दमन किया जा रहा है। सरकार के आलोचकों को बदनाम किया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोगों द्वारा नफरत और कट्टरता फैलाई जा रही है। प्रदर्शन करने वाले किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है। जाति जनगणना की मांग करने वालों को शहरी नक्सली बताया जा रहा है।

जयराम रमेश ने आगे कहा कि अंहिसा के पुजारी महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जा रहा है, अल्पसंख्यक डर में जी रहे हैं, दलित और अन्य हाशिए पर पड़े वर्गों पर निशाना साधा जा रहा है, मंत्री नफरती भाषण दे रहे हैं और उसके बदले उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है। कांग्रेस नेता का यह बयान तब आया है जब बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार संविधान हत्या दिवस' मना रही है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि संविधान का पूरा सम्मान करते हुए इंदिरा गांधी ने उस समय इमरजेंसी लगाई थी। लोकतंत्र में आपातकाल को संवैधानिक मान्यता प्राप्त है, इसलिए आप इसे संविधान हत्या दिवस नहीं मान सकते। इंदिरा गांधी जोड़-तोड़ करके, पैसे का इस्तेमाल करके चुनाव जीत सकती थीं, लेकिन इंदिरा गांधी ने ऐसा नहीं किया। इंदिरा जी लोकतंत्र की चौकीदार थीं। पिछले 11 साल से देश में अघोषित आपातकाल है।

कांग्रेस नेता विजय वेट्टीवार ने कहा जो रोज़ संविधान की हत्या करते हैं जिन्होंने कभी संविधान को माना नहीं वे आज ऐसी भाषा(संविधान हत्या दिवस) बोल रहे हैं। जिन्होंने स्वतंत्रता का विरोध किया, वे जिस विचारधारा से हैं उन्होंने 55 साल तक तिरंगा नहीं फहराया ऐसे में इनका संविधान हत्या दिवस मनाना हास्यास्पद है। जिन्होंने रोज़ संविधान बदलने की बात की, जिनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने टेबल पर मनुस्मृति रखकर बात करते हैं। इनके बहुत नेताओं ने संविधान हटाकर मनुस्मृति लागू करने की बात की है, आज तो रोज़ अघोषित आपातकाल है, जो खुद संविधान की हत्या करते हैं उन्हें यह कहने का अधिकार नहीं है।

Created On :   25 Jun 2025 12:21 PM IST

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