Sanjay Singh House Arrest: AAP नेता संजय सिंह J&K में हाउस अरेस्ट, इमरान हुसैन भी नजरबंद, मिलने पहुंचे फारूक अब्दुल्ला

AAP नेता संजय सिंह J&K में हाउस अरेस्ट, इमरान हुसैन भी नजरबंद, मिलने पहुंचे फारूक अब्दुल्ला
  • संजय सिंह का बड़ा दावा
  • मुझे हाउस अरेस्ट किया- AAP नेता
  • सिंह ने सोशल मीडिया पर किया वीडियो शेयर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने गुरुवार (11 सितंबर) को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर में हाउस अरेस्ट कर लिया है। दरअसल, वह कुछ ही देर में मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे थे। बताया जा रहा है कि ना के संजय सिंह बल्कि इमरान हुसैन को भी नजरबंध किया गया है। बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी संजय सिंह से मिलने पहुंचे।AAP नेता ने भी एक वीडियो अपने एक्स अकाउंट पर शेयर हाउस अरेस्ट का दावा किया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले हाउस अरेस्ट

संजय सिंह का कहना है कि वह AAP विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तार पर मीडिया से बात करने वाले थे। लेकिन इससे पहले उनके खिलाफ एक्शन लिया गया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर कर लिखा, तानाशाही अपने चरम पर है। मैं इस समय श्रीनगर में हूं। लोकतंत्र में अधिकारों के लिए आवाज़ उठाना और विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है।आज श्रीनगर में मेहराज मलिक की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस और धरना हुआ, लेकिन सरकारी गेस्ट हाउस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मुझे इमरान हुसैन और साथियों के साथ गेस्ट हाउस से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।

फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

आप सांसद संजय सिंह को पार्टी विधायक मेहराज मलिक की नजरबंदी को लेकर विरोध प्रदर्शन या प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की अनुमति नहीं दिए जाने के मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि यह बहुत गलत है। लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार भारत के संविधान द्वारा दिया गया है। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किए जा सकते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, और उपराज्यपाल के पास सभी शक्तियां हैं। वे इन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। क्या संजय सिंह को बोलने से रोकना ज़रूरी था? उपराज्यपाल को इस बारे में सोचना चाहिए। यहां एक संविधान है, और उपराज्यपाल भी संविधान को बनाए रखने के लिए बाध्य हैं।

Created On :   11 Sept 2025 1:48 PM IST

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