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डीजीसी का आचरण मानसिक रूप से प्रभावित कर रहा, रिजिजू को पत्र लिखेंगे : राशिद खान

हाईलाइट
- डीजीसी का आचरण मानसिक रूप से प्रभावित कर रहा, रिजिजू को पत्र लिखेंगे : राशिद खान
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। विश्व रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर काबिज भारतीय गोल्फर राशिद खान ने शुक्रवार को कहा कि अहम अभ्यास के लिए दिल्ली गोल्फ क्लब (डीजीसी) में प्रवेश नहीं मिलने के बाद अब वह केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू से मदद मांगने के लिए उन्हें एक पत्र लिखने के बारे में सोच रहे हैं।
राशिद और डीजीसी पिछले साल की शुरुआत से एक दूसरे से उलझे पड़े हैं। दो बार के एशियाई चैंपियन राशिद ने पिछले साल डीजीसी पर भेदभाव का आरोप लगाया था और कहा था कि डीजीसी निचले तबके से आने वाले गोल्फरों के करियर को बर्बाद कर रहा है।
राशिद एशिया में 10वें स्थान से सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले भारतीय गोल्फर हैं और वह विश्व रैंकिंग में भी 185वें स्थान से शीर्ष भारतीय हैं। वह भारत से ओलंपिक कोटा पाने वालों की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे कि तभी अंतर्राष्ट्रीयश गोल्फ महासंघ (आईजीएफ) ने कोविड-19 महामारी के कारण 15 मार्च को विश्व रैंकिंग स्थिर कर दी थी।
29 वर्षीय राशिद ने आईएएनएस से कहा, अगले कुछ सप्ताह में मैं खेल मंत्री को पत्र लिखने की योजना बना रहा हूं। डीजीसी के अध्यक्ष कहते हैं कि हम गोल्फ को बढ़ावा देते हैं, लेकिन आप कैसे गोल्फ को बढ़ावा देंगे जब भारत के टॉप खिलाड़ी घर में बैठे होंगे और आप उनसे संपर्क ही नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, क्योंकि मैं सदस्य नहीं हूं, इसलिए मैं कहां अभ्यास करूंगा। मेरे पास और कोई गोल्फ कोर्स नहीं है, जहां मैं अभ्यास कर सकता हूं। मैं अब नोएडा या गुडगांव नहीं जा सकता। डीजीसी मेरे घर से तीन किलोमीटर दूर हैं। राशिद का नाम इस साल अर्जुन पुरस्कार से लिए सुझाया गया है। राशिद 2010 में ग्वांग्झू एशियन गेम्स में एक शॉट से व्यक्तिगत कांस्य पदक से चूक गए थे लेकिन उन्होंने भारतीय टीम को रजत पदक दिलाने में मदद की थी।
उन्होंने कहा कि डीजीसी में अभ्यास के लिए प्रवेश नहीं मिलने से वह मानिसक रूप से प्रभावित हुए हैं। राशिद ने कहा, मानसिक रूप से यह मुझे प्रभावित करता है। मैंने करीब तीन महीने से एक भी राउंड नहीं खेला है। मैंने पिछला टूर्नामेंट मलेशिया ओपन में मार्च के पहले सप्ताह में खेला था।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।