क्रिकेट: गुरप्रीत ने कहा, धोनी गोलकीपर बनना चाहते थे जबकि मेरे लक्ष्य अलग थे
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू का मानना है कि जब खेल टीवी पर वापसी करेंगे चाहे वो खाली स्टेडियम में ही बिना दर्शकों के खेले जाएं, तभी लोग थोड़ा अच्छा महसूस करेंगे। जर्मनी की फुटबॉल लीग शनिवार से चालू हो रही है। कोरोनावायरस के कारण इसे स्थगित रखा गया था, हालांकि इसके मैच बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में खेले जाएंगे, लेकिन टीवी पर लोग इसे आसानी से देख सकेंगे।
गुरप्रीत ने कहा कि अगर बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में खेलना नया चलन है तो फिर खिलाड़ियों को इसका सम्मान करना चाहिए। गुरप्रीत ने सिडनी से आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हम स्टडियम में लोगों को देखना पसंद करते, लेकिन इस समय लोगों की सुरक्षा काफी अहम है। गुरप्रीत 25 मार्च से ही आस्ट्रेलिया में हैं। इसी तारीख से भारत में लॉकडाउन लागू है।
बेंगलुरू एफसी के इस गोलकीपर ने कहा, अगर खाली स्टेडियम लोगों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए जरूरी हैं और यह नया चलन है तो ठीक है..इस समय स्टेडियम में लोगों का होना सुरक्षित नहीं है। मुझे लगता है कि खेल एक तरीका हो सकते हैं जिसे टीवी पर देखकर लोग घर में रहते हुए कुछ सामान्य सा महसूस करें। गुरप्रीत ने बताया कि उन्होंने मोहाली में क्रिकेट अकादमी में भी एडमिशन लिया था लेकिन तीन दिन के बाद वह फुटबॉल की तरफ आ गए।
आईएसएल में अपनी टीम बेंगलुरू को सेमीफाइनल में पहुंचाने वाले इस गोलकीपर ने कहा, मैं जब छोटा था तब तीन-चार दिन क्रिकेट अकादमी गया था। मुझे क्रिकेट से प्यार नहीं था क्योंकि उसमें आक्रामकता नहीं थी, लेकिन मेरे पिता को क्रिकेट पसंद था इसिलए मैंने जोखिम लिया।
उन्होंने कहा, धोनी बचपन में गोलकीपर बनना चाहते थे जबकि मेरे प्लान अलग थे। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने इस साल अर्जुन अवार्ड के लिए पुरुष खिलाड़ी संदेश झिंगान और महिला खिलाड़ी बाला देवी का नाम भेजा है। गुरप्रीत ने दोनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, संदेश और बाला के लिए यह शानदार खबर है। मैं दोनों के लिए खुश हूं। वह दोनों इसके हकदार हैं। मैं दोनों को शुभकामनाएं देता हूं।
Created On :   13 May 2020 6:01 PM IST