अर्श से फर्श तक : कमजान भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस IPL में बनाई पहचान

From Arsh to Floors: Weak Indian players also made recognition in this IPL
अर्श से फर्श तक : कमजान भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस IPL में बनाई पहचान
अर्श से फर्श तक : कमजान भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस IPL में बनाई पहचान
हाईलाइट
  • अर्श से फर्श तक : कमजान भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस आईपीएल में बनाई पहचान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के हर सीजन की तरह इस समय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेले जा रहे लीग के 13वें सीजन ने भी भारत को कई युवा खिलाड़ी दिए हैं। ऐसे खिलाड़ी जो आगे जाकर अंतर्राष्ट्रीय पटल पर नाम कमा सकते हैं। रवि बिश्नोई, राहुल तेवतिया, देवदत्त पडिकल, टी.नटराजन कार्तिक त्यागी- ऐसे नाम हैं जिन्होंने इस सीजन काफी प्रभावित किया है।

रवि बिश्नोई ने अंडर-19 विश्व कप में इस साल शानदार प्रदर्शन किया था और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। किंग्स इलेवन पंजाब के साथ उन्होंने 13वें सीजन से अपना आईपीएल पदार्पण किया और पहले मैच से ही लगातार प्रभावित कर रहे हैं। स्थिति यह है कि वह पंजाब के मुख्य गेंदबाजों में शुमार हो गए हैं। इस लेग स्पिनर ने डेविड वार्नर, जॉनी बेयरस्टो, एरॉन फिंच, इयोन मोर्गन जैसे खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया है। उन्होंने अभी तक खेले 10 मैचों में नौ विकेट लिए हैं।

बिश्नोई के अलावा एक और युवा खिलाड़ी ने अपने पहले ही आईपीएल सीजन में दमदार प्रदर्शन किया और टीम की जिम्मेदारी को साझा किया है और वह हैं रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के देवदत्त पडिकल। विराट कोहली और अब्राहम डिविलियर्स की टीम बेंगलोर इन दोनों पर ही निर्भर रहती थी, लेकिन पडिकल ने इस साल स्थिति को बदला और वह टीम के मुख्य बल्लेबाज हैं जो लगातार रन कर रहे हैं। बतौर सलामी बल्लेबाज फिंच के साथ उनकी जोड़ी बेंगलोर की इस सीजन की अभी तक की सफलता का मुख्य कारण रही है। कर्नाटक के बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 10 मैचों में 321 रन बनाए हैं।

राहुल तेवतिया, अगर इस सीजन इस खिलाड़ी का नाम न लिया जाए तो बेमानी होगी। तेवतिया यूं तो पहले से आईपीएल खेल रहे हैं, लेकिन चमके हैं इस सीजन में। वह दिल्ली के लिए आईपीएल खेल चुके हैं, लेकिन इस सीजन 2008 की विजेता राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे हैं। अपनी बल्लेबाजी से तेवतिया ने टीम को दो ऐसे मैचों में जीत दिलाई, जहां हार तय लग रही थी।

पंजाब के खिलाफ शेल्डन कॉटरेल की गेंद पर मारे गए लगातार पांच छक्के, तवेतिया को सुर्खियों में ले आए थे। इसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ रियान पारग के साथ मिलकर उन्होंने जिस तरह से टीम को जीत दिलाई। उसने तेवतिया की अहमियत को और बढ़ा दिया। लेग स्पिनर तवेतिया ने गेंद से भी इस सीजन अच्छा किया है। 10 मैचों में 222 रन बनाने वाले तेवतिया ने गेंद से टीम को अहम पलों पर विकेट दिलाए हैं।

2016 की विजेता हैदराबाद के पास भी एक नाम है जिसने अपने प्रदर्शन से गुमनामी के बादलों को परे कर दिया और वह हैं बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी. नटराजन। भुवनेश्वर कुमार के चोटिल होने के बाद नटराजन ने जिस तरह से टीम की जिम्मेदारी संभाली है वह काबिलेतारीफ है। तमिलनाडु से आने वाले इस खिलाड़ी ने नौ मैचों में 11 विकेट लिए हैं। डेथ ओवरों में नटराजन की यॉर्कर गेंदें आकर्षण का केंद्र रही हैं।

अंडर-19 विश्व कप में फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे कार्तिक त्यागी एक और ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी परिपक्वता से बेहद प्रभावित किया है। राजस्थान ने उन्हें शुरुआत में कुछ मैचों में मौका नहीं दिया था। बाद में उन्होंने इस तरह का प्रदर्शन किया कि वेस्टइंडीज के इयान बिशॉप उनसे प्रभावित हुए बिना रह नहीं पाए।

छह मैचों में कार्तिक बेशक छह विकेट ले पाए हैं, लेकिन उन्होंने जिस परिपक्वता से गेंदबाजी की है और काबिलेतारीफ है। वह किस तरह से बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसाते हैं वो चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने शेन वाटसन को जिस तरह से अपने जाल में फंसाया था उससे पता चलता है।

Created On :   22 Oct 2020 2:00 PM GMT

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