Operation Sindoor: 'बॉर्डर पर खून की नदियां बहे, लेकिन...' भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले पर उद्धव गुट ने दी प्रतिक्रिया

बॉर्डर पर खून की नदियां बहे, लेकिन... भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले पर उद्धव गुट ने दी प्रतिक्रिया
जिस बेहरमी से 26 महिलाओं का सिंदूर मिटाया गया था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके बावजूद उसी देश के साथ क्रिकेट खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में राष्ट्रवाद कहां गया?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एशिया कप 2025 का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला खेला जा रहा है। इस मैच पर शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दोबोरा कहा कि जिस बेहरमी से 26 महिलाओं का सिंदूर मिटाया गया था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके बावजूद उसी देश के साथ क्रिकेट खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में राष्ट्रवाद कहां गया? साथ ही तंज कसते हुए बताया कि चाहे हमारे जवानों की बॉर्डर पर खून नदियां बहे, लेकिन क्रिकेट खेलेंगे और उससे पैसा कमाएंगे।

'पाकिस्तान के साथ मैच खेलना घटिया बात'

उद्धव गुट के सांसद ने कहा, "यह कोई बड़ा मैच नहीं है। ऐसे माहौल में भारत और पाकिस्तान का मैच खेलना बहुत ही घटिया बात है। खेल, खेल है. राजनीति, राजनीति है और धर्म, धर्म है। सब अलग-अलग बातें जरूर है, लेकिन ये सभी बातें पाकिस्तान के साथ ही क्यों जोड़ी जाती हैं। पाकिस्तान के साथ हिंदुस्तान के रिश्ते सुधरे भी हैं, बिगड़े भी हैं। लेकिन, जब बात आतंकवाद की आती है तो मुझे लगता है कि भारत के लोग पाकिस्तान से कोई भी रिश्ते रखने की इच्छा नहीं रखते हैं।"

आतंकियों ने बेरहमी से मिटाया सिंदूर

संजय राउत ने आतंकी घटनाओं को लेकर बताया, "खासकर पुलवामा की घटना, उससे पहले उरी हो गया। अब पहलगाम में घटना के बाद जिस तरह से निरपराध लोगों को मारा गया, जिस तरह 26 महिलाओं का सिंदूर मिटाया गया, उसके लिए हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। दोनों देशों के बीच इतनी कड़वाहट होने के बावजूद, अगर हम उस देश के साथ क्रिकेट खेलेंगे, तो राष्ट्रवाद कहां गया? कहां गया बीजेपी का हिंदुत्व? कहां गई उनकी राष्ट्रभक्ति? फिर ये सब झूठा है।"

राउत ने क्रिकेट को लेकर किया सवाल?

उन्होंने क्रिकेट को लेकर सवाल किया, "अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलते तो क्या आकाश फट जाएगा? क्या होगा, कुछ नहीं होगा, लेकिन यहां पैसे का बहुत बड़ा खेल है, सट्टा। बीसीसीआई और पीसीसीआई दोनों को उससे बहुत पैसा मिलता है। दोनों की मिलीभगत होती है। चाहे बॉर्डर पर खून की नदियां बहे, हम क्रिकेट खेलेंगे और पैसा कमाएंगे। लेकिन इस बार देश की भावना बहुत ही प्रखर है। लोग अपने टीवी पर भी ये मैच नहीं देखना चाहते हैं। अगर बड़े स्क्रीन पर या रेस्टोरेंट में दिखाएंगे तो उनके खिलाफ ही नारेबाजी करेंगे, ये सच है।"

Created On :   28 Sept 2025 9:01 PM IST

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