India Refuses To Accept Asia Cup: ट्रॉफी लेने से अगर कोई टीम करती है मना, तो कप्तान को देना होता है ठोस कारण, साथ ही जानें क्या उठाए जाते हैं कदम?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुबई में हुए एशिया कप मैच में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 विकेट से भारी जीत हासिल की है। दूसरी तरफ पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा है। मैच जीतने के बाद जब पुरस्कार वितरण समारोह शुरू हुआ तो टीम इंडिया ने एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने के लिए इनकार कर दिया। मना करने के बाद मोहसिन नकवी अपने साथ ट्रॉफी ही लेकर चले गए थे। इसके बाद ही पूरे देश में चर्चा हो रही है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि अगर कोई टीम ट्रॉफी लेने से मना करती है तो क्या कदम उठाए जाते हैं।
कप्तान को देना होता है ठोस कारण
अगर कोई कप्तान सार्वजनिक तौर पर ट्रॉफी लेने से इनकार कर दे तो उसे इसका ठोस कारण बताना होगा। टूर्नामेंट की संचालन संस्थान मामले की जांच करती है और स्थिति के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना भी रहती है।
ट्रॉफी ना लेना बन सकता है विवाद का कारण
अगर कोई टीम ट्रॉफी लेने से मना कर देती है तो इसे क्रिकेट की मूल भावना का विरोध माना जाता है। खेल प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ परंपरा और सम्मान भी है। ट्रॉफी ना लेकर इस परंपरा का अपमान माना जाता है।
क्या फैसला लिया जाता है?
ट्रॉफी लेने से मना करने के बाद सबसे पहले तो कप्तान या प्रतिनिधि को लिखित या मौखिक रूप से अपने फैसले का स्पष्ट जवाब देना होता है। इसके बाद बीसीसीआई से संबंधित बोर्ड इस मुद्दे को आईसीसी के सामने रखती है। इसके बाद अगर भारतीय बोर्ड किसी विवादस्पद घटना पर आईसीसी सम्मेलन में औपचारिक विरोध दर्ज कर सकता है। इसके बाद ही आईसीसी के पास भी राइट्स होते हैं कि वो पूरे मामले की अच्छे से जांच करे। फिर आचार संहिता के अंतर्गत देखा जाता है कि जो कप्तान ने फैसला लिया है वो नॉर्मल है या उल्लंघन की श्रेणी में आता है। अगर उल्लंघन की श्रेणी में आता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   29 Sept 2025 2:30 PM IST