पूर्व साइकिलिस्ट की मदद के लिए आईओए को मिला पत्र

IOA received a letter to help former cyclists
पूर्व साइकिलिस्ट की मदद के लिए आईओए को मिला पत्र
पूर्व साइकिलिस्ट की मदद के लिए आईओए को मिला पत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा के पास पूर्व साइकिलिस्ट स्वर्ण सिंह की मदद करने की दरख्वास्त आई है। 70 साल के स्वर्ण सिंह ने 1970 में एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन अब वह मुश्किल स्थिति में हैं और जमशेदपुर में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे हैं।

एक अनजान शख्स ने बत्रा को पत्र लिखते हुए कहा है, मैं यह पत्र काफी निराशा में लिख रहा हूं क्योंकि मुझे जमशेदपुर,टाटा स्टील में काम कर रहे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय साइकिलिस्ट और राष्ट्रीय विजेता स्वर्ण सिंह की दयनीय हालत के बारे में पता चला। वह काफी मुश्किल में रह रहे हैं और बारिडीह में एक अपार्टमेंट में सुरक्षा गाडऱ् की नौकरी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, वह अपनी बेटी का भी ख्याल नहीं रख पा रहे हैं जो बोन टीबी से जूझ रही है। उनकी पत्नी अकेले बेटी का ख्याल रख रही हैं और स्वर्ण सिंह किराए के घर में अकेले रह रहे हैं, खुद खाना बना रहे हैं जिसके लिए उन्होंने रात की शिफ्ट करने का फैसला किया है। मैंने नई दिल्ली में खेल मंत्रालय से बात करने की कोश्शि की जिन्होंने स्वर्ण सिंह को आíथक मदद देने का आश्वासन दिया। चूंकि उन्होंने कोई भी अंतर्राष्ट्रीय पदक नहीं जीता है, इसलिए वो पेंशन के हकदार नहीं हैं।

पत्र में लिखा गया है, टाट स्टील जमशेदपुर के अधिकारी भी स्वर्ण सिंह की मदद करने को तैयार हो गए हैं क्योंकि स्वर्ण सिंह ने टाटा स्टील स्पोर्ट्स विभाग में 24 साल काम किया और 1994 में स्वैच्छिक संन्यास ले लिया था। उनके बेटे का नाम टाट स्टील के रोजगार रजिस्टर में हैं। अधिकारियों से स्वर्ण सिंह के बेटे को रोजगार देने को कहा गया है जो इस समय नई दिल्ली में ड्राइवर का काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैं आईओए और भारतीय साइकिलिंग महासंघ से अपील करता हूं कि स्वर्ण सिंह को आर्थिक मदद मुहैया कराएं ताकि वह अपने परिवार के साथ दोबारा रह सकें और टाट स्टील जमशेदपुर से कहें कि वह उनके बेटे को रोजगार दें और कंपनी का क्वार्टर भी दें ताकि स्वर्ण सिंह अपने परिवार के साथ शांति से रह सकें।

 

Created On :   4 Jun 2020 4:30 PM GMT

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