Maulana Arshad Madani: 'असम में मुस्लिम बस्तियों को नहीं, बल्कि देश...' अवैध अतिक्रमण कार्रवाई को लेकर मदनी ने दिया बयान

- मुसलमानों को जीने का अधिकार देना सरकार का बनता फर्ज
- देश के संविधान और कानून को किया नष्ट
- नफरत के नाम पर देशभक्ति का जामा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने असम सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय पर राज्य सरकार अत्याचार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि आज देश उस मोड़ पर पहुंच गया है, जहां नफरत के नाम पर देशभक्ति का जामा पहनाने का काम किया जा रहा है। बता दें कि ये उनका बयान प्रदेश सरकार की अवैध अतिक्रमण के संबंध में दिया है।
संविधान और कानून को किया नष्ट
मौलाना अरशद मदनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए कहा, "असम में मुस्लिम बस्तियों को नहीं, बल्कि देश के संविधान और कानून को नष्ट किया गया है। मुसलमानों को जीने का अधिकार देना सरकार का फर्ज है।"
मदनी ने आगे कहा, "हिंदू-मुस्लिम करके सत्ता तो हासिल की जा सकती है, लेकिन देश को चलाया नहीं जा सकता है। आज देश उस मोड़ पर पहुंच गया है, जहां नफरत को देशभक्ति का जामा पहनाया जा रहा है और अत्याचारियों को कानून के शिकंजे से बचाया जा रहा है।" उन्होंने कहा, "देश में सांप्रदायिकता की आग में सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अस्तित्व ही झुलस रहा है।"
सड़कों पर लड़ाई करना नुकसानदायक
इसके अलावा उन्होंने दूसरी पोस्ट में कहा, "मुसलमानों के सामने एक-दो नहीं, बल्कि कई मसलें हैं। आजादी के बाद सांप्रदायिक सोच को मौका मिला और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया गया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद सबसे पहले इन ताकतों के खिलाफ सामने आई थी। हम सड़कों पर लड़ाई नहीं करेंगे, क्योंकि ये देश के लिए नुकसानदायक है। हमारी लड़ाई उन लोगों से है जो सत्ता में रहकर इन सांप्रदायिक ताकतों को खुला छोड़ रहे हैं।"
मदनी ने आगे कहा, "भारत में मुसलमान हजार साल से ज्यादा वक्त से रह रहे हैं। केरल से कश्मीर तक, हर बिरादरी में हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। हमारा इतिहास किसी से कम नहीं है। इस देश की तरक्की तभी मुमकिन है जब आपसी भाईचारा और मेल-जोल बना रहे।"
Created On :   1 Sept 2025 1:04 AM IST