आरोप-प्रत्यारोप: अवैध कारोबार ने उत्तर पूर्वांचल को जकड़ रखा है, कांग्रेस नेता गौरव गगोई ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

अवैध कारोबार ने उत्तर पूर्वांचल को जकड़ रखा है, कांग्रेस नेता गौरव गगोई ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
  • अवैध कोयला खनन और नशीले पदार्थ का अवैध कारोबार
  • पीएम ने हाल ही में उत्तर पूर्वांचल को लेकर एक समिट को संबोधित किया
  • अवैध कारोबार का हब बन चुका है उत्तर पूर्वांचल- कांग्रेस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता गौरव गगोई ने न्यू दिल्ली स्थिति पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में उत्तर पूर्वांचल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने एक समिट को संबोधित किया, उसमें कई सारे मुद्दों पर बात की गई, लेकिन जमीनी हालत काफी अलग और चिंताजनक हैं।

आज अवैध कोयला खनन और नशीले पदार्थ के अवैध कारोबार जैसी दो बड़ी बीमारियों ने उत्तर पूर्वांचल को जकड़ रखा है। बीजेपी की छत्रछाया में उत्तर पूर्वांचल अवैध कोयला खनन और नशीले पदार्थ के अवैध कारोबार का हब बन चुका है।

अप्रैल में ED ने मेघालय और असम राज्यों में जादिगिट्टिम, नोंगलबिबरा, जोगीघोपा (बोंगाईगांव), मार्घेरिटा (तिनसुकिया) और गुवाहाटी में छापे मारे। छापामारी के बाद ED ने इस मामले में एक प्रेस रिलीज जारी कर अवैध कोयला खनन के सिंडिकेट की जानकारी दी।

असम कांग्रेस अध्यक्ष गगोई ने आगे कहा उत्तर पूर्वांचल में अवैध कोयला खनन की बात बार-बार उठती रही है। इस साल की शुरुआत में जनवरी में राज्य और केंद्र सरकार असम के उमरंगसो में फंसे हुए रैट होल माइनिंग के श्रमिकों को बचाने में करीब 40 दिन तक जुटी रही। जनवरी के बाद राज्य सरकार ने SIT बनाकर जांच की तो पता चला कि असम में करीब 245 अवैध रैट होल माइनिंग चल रही हैं। बाद में सरकार ने बताया कि ये सब बंद कर दिया गया, हमने इस फैसले का स्वागत किया।

• लेकिन जब अप्रैल में ED की जांच में रैट होल माइनिंग की बात सामने आई तो सवाल उठता है कि आखिर किसकी छत्रछाया में ये सब चल रहा था?

• क्या इनका मकसद वसूली था, क्योंकि हमने इससे पहले ऐसे कई उदाहरण देखे हैं। सवाल है कि क्या ED की कार्रवाई सिर्फ डेढ़ करोड़ कैश जब्त करने तक ही सीमित थी?

• ED की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में कोई जांच क्यों नहीं की। इस मामले में केंद्र सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया?

असलियत तो यही है कि यह कोयला सिंडिकेट उत्तर पूर्वांचल की इकॉनमी, इकोलॉजी और समाज में तनाव में पैदा कर रहा है।

Created On :   28 May 2025 5:12 PM IST

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