मध्यप्रदेश: नकली उर्वरकों के नमूने भ्रष्टाचार के चलते लैब में हो रहे पास, अमानक उर्वरकों की बिक्री पर रोक लगाए सरकार - दिग्विजय सिंह

- पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को लिखा पत्र
- प्रदेश में नकली और अमानक उर्वरकों की बढ़ती बिक्री पर जताई चिंता
- सरकार की कार्यप्रणाली और विश्वनीयता पर खड़े किए सवाल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्यसभा सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वजय सिंह ने प्रदेश में बेचे जा रहे नकली उर्वरकों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। उन्हाेंने प्रदेश में नकली व अमानक उर्वरकों की बढ़ती बिक्री पर चिंता जताई। कहा कि यह न केवल एक तकनीकी या प्रशासनिक विफलता है, बल्कि प्रदेश के लाखों किसानों के श्रम, विश्वास और भविष्य के साथ अन्याय है। इससे सरकार की कार्यप्रणाली और विश्वनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
दिग्विजय ने लिखा कि वर्ष 2020 से 2025 तक अमानक खाद के नमूनों के फेल होने के हजारों मामले सामने आए हैं, लेकिन दोषी कंपनियों पर एफआईआर दर्ज करने और लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया सिर्फ दिखाने के लिये की गई है। एसएसपी जैसे प्रमुख उर्वरकों में निर्धारित मात्रा से कम फॉस्फेट मिला लेकिन भ्रष्टाचार के चलते अधिकांश नमूने लैब परीक्षण में पास घोषित किए जा रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा कि अमानक उर्वरकों की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। दोषी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट की जाए। सैंपलिंग और लैब परीक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, जांच की वीडियो रिकॉर्डिंग मीडिया व किसान प्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराई जाए। दोषी विक्रेताओं के लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त किए जाए। उर्वरक की जानकारी और ट्रेसिंग के लिये पैकेजिंग पर क्यूआर कोड प्रणाली लागू की जाए, ताकि किसानों के साथ हो रहे अन्याय को रोका जा सके। दिग्विजय ने कहा कि किसानों को मूल्य और उत्पादन की कोई गारंटी नहीं मिल रही है। ऐसे में सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह किसानों के लिये उपलब्ध कराये जाने वाले खाद बीज आदि की गुणवत्ता सुनिश्ति करे। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस विषय पर त्वरित, कठोर एवं पारदर्शी कार्यवाही सुनिश्चित करने की माँग भी की है।
Created On :   14 Sept 2025 12:06 AM IST