शोक में डूबा जबलपुर: पद्मश्री से विभूषित डॉ. मुनीश चंद्र डाबर के दुखद निधन पर श्रद्धांजलि

पद्मश्री से विभूषित डॉ. मुनीश चंद्र डाबर के दुखद निधन पर श्रद्धांजलि
  • मुनीश चंद्र डाबर को श्रद्धांजलि
  • थोड़े से पैसों में करते थी गरीबों का इलाज
  • 2023 में मिला पद्मश्री

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आज जबलपुर शोक में डूबा है। आसमान भी जैसे आंसू बहा रहा हो — सुबह 7 बजे से निरंतर वर्षा हो रही है। यह शोक उस महान आत्मा के देवलोकगमन का है, जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया।

सन् 1972 में मात्र 2 रुपये में चिकित्सा सेवा प्रारंभ करने वाले जबलपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. मुनीश चंद्र डाबर को जब पद्मश्री सम्मान मिला, तब सम्पूर्ण जबलपुर गर्व से भर उठा। वे "संस्कारधानी की शान" थे, और जनमानस उन्हें भगवान के रूप में डॉक्टर कहा करता था।

आज भी जबलपुर में हर गरीब की जुबान पर एक ही नाम आता है – डॉ. डाबर जी। उनका सेवा भाव, उनका स्नेह, और 10 रुपये में इलाज देने का उनका संकल्प इस युग में भी एक मिसाल बना हुआ है। गरीबों के लिए वे धरती के देवता थे।

डॉ. डाबर जी प्रदेश के प्रथम प्रैक्टिशनर डॉक्टर थे जिन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। वे सुपुत्र और ख्यात चिकित्सक डॉ. ऋषि डाबर जी के पूज्य पिता थे।

आज उस पुण्यात्मा का निधन नहीं, बल्कि एक युग का अवसान है। उनका जाना चिकित्सा जगत और मानव सेवा की अपूरणीय क्षति है।

हम सब उन्हें कोटि-कोटि नमन करते हैं।

विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

ॐ शांति।

Created On :   4 July 2025 12:27 PM IST

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