- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की सडक़ें...
MP News: प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की सडक़ें अब साईड ड्रेन एवं शोल्डर युक्त बनेंगी

- प्रदेश के नगरीय निकायों में सडक़ें साईड ड्रेन एवं शोल्डर युक्त बनेंगी
- प्रमुख अभियंता प्रदीप एस मिश्रा ने नगरीय प्रशासन विभाग के सभी संभागों के अधीक्षण यंत्रियों एवं कार्यपालन यंंत्रियों को दिशा-निर्देश जारी किये
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के नगरीय निकायों में सडक़ें साईड ड्रेन एवं शोल्डर युक्त बनेंगी। यही नहीं, निर्मित की गई सडक़ों की मजबूती परखने के लिये इनका क्यूब टेस्ट भी किया जायेगा। इसके लिये संचालनालय नगरीय प्रशासन भोपाल के प्रमुख अभियंता प्रदीप एस मिश्रा ने नगरीय प्रशासन विभाग के सभी संभागों के अधीक्षण यंत्रियों एवं कार्यपालन यंंत्रियों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश के नगरीय निकायों में कायाकल्प योजना, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास चतुर्थ चरण, मुख्यमंत्री नगरीय अधोसंरचना विकास योजना एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत सडक़ों का निर्माण कराया जा रहा है। यह तथ्य सामने आया है कि नगरीय निकायों में निर्मित/निर्माणाधीन सडक़ों में साईड ड्रेन एवं शोल्डर का निर्माण नहीं किया जा रहा है जिससे सुचारु रुप से पानी का निकास न होने से सडक़ों के ऊपर पानी का जलभराव रहता है और सडक़ें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसलिये अब तकनीकी स्वीकृति में साईड ड्रेन एवं शोल्डर आवश्यक रुप से शामिल किया जाये और साथ ही निर्माण सामग्री का परीक्षण कराने के बाद ही निर्माण कार्य कराया जाये एवं आवश्यक्तानुसार क्यूब टेस्ट भी कराया जाये जिससे निर्मित सडक़ की मजबूती को ज्ञात किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि सडक़ों के किनारे शोल्डर, फुटपाथ के ठीक बगल में बनी एक पट्टी होती है, जो आपातकालीन स्टॉपिंग, वाहन रखरखाव, या पैरा-ट्रैफिक (जैसे साइकिल या पैदल चलने वाले) के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करती है। साईड ड्रेन (या साईड गटर) सडक़ के किनारे बनी नाली होती है जो सडक से पानी सोखकर या बहाकर उसे जमा होने से रोकती है और सडक़ की संरचना को नुकसान से बचाती है। इसी प्रकार, क्यूब टेस्ट से मशीन द्वारा दबाव डालकर यह पता चलाया जाता है कि सडक़ कितनी मजबूत बनी है।
Created On :   18 Sept 2025 2:48 PM IST