आचार संहिता की आड़: दुकानों का बदल रहे नक्शा, बिना अनुमति निर्माण, मर्जी से बना रहे बेसमेंट

दुकानों का बदल रहे नक्शा, बिना अनुमति निर्माण, मर्जी से बना रहे बेसमेंट
  • दुकानों का साइज से लेकर बेसमेंट निर्माण
  • आचार संहिता का फायदा उठा रहे अवैध निर्माणकर्ता
  • दुकानों में नक्शे के विपरीत हो रहा है कार्य

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में आचार संहिता लागू होने के बाद प्रशासन सहित नगर निगम का पूरा ध्यान चुनाव संपन्न कराने में है। निगम अमले को मतदान केंद्रों के सुधार से लेकर चुनावी ड्यूटी में लगा दिया गया है।अतिक्रमण कार्रवाई बंद है, वसूली में लगे कर्मचारियों को भी मतदाता सूची में लगा दिया गया है, इसका पूरा फायदा शहर के बड़े दुकानदार, अवैध निर्माणकर्ता उठा रहे हैं। नियम है कि यदि दुकानों का साइज से लेकर बेसमेंट निर्माण किया जाए तो इसकी अनुमति पहले नगर निगम से लेना अनिवार्य हैं, लेकिन बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य जारी है। शहर के मुख्य बाजारों में मौजूद दुकानदारों द्वारा भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

आचार संहिता लगने के साथ ही निगम और प्रशासन द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई लगभग बंद है। इसके पीछे की मुख्य वजह निगम के अमले की ड्यूटी चुनावी कार्य में लगा दी गई है। कार्रवाई बंद होने से अतिक्रमणकारी फिर से मुख्य सडक़ों पर जमने लगे हैं। वहीं शहर के मुख्य कॉम्लपेक्स की दुकानों में भी नक्शे के विपरीत कार्य किए जा रहे हैं। बिना अनुमति तलघर का निर्माण किया जा रहा है। नियम तो ये हैं कि निगम द्वारा बनाए गए कॉम्पलेक्स या निजी कॉम्पलेक्स में यदि कोई फेरबदल किया जाए तो इसकी स्वीकृति पहले निगम से हासिल करना अनिवार्य है, लेकिन बिना स्वीकृति के ही निर्माण कार्य किया जा रहा है।

इसकी वजह क्या

बिना अनुमति निर्माण करने वालों के विरुद्ध निगम द्वारा सिर्फ नोटिस की कार्रवाई की जाती है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण इनके हाौंसले बुलंद है। अब तक दर्जनों नोटिस निगम से जारी हुए, लेकिन कार्रवाई एक के विरुद्ध भी नहीं हो सकी। जिसके कारण बिना अनुमति निर्माण करने वाले बिना शासकीय प्रक्रिया पूर्ण किए कार्य कर लेते हैं।

इसका शहर पर असर

जिन स्थानों को पार्किंग के लिए ओपन रखना था वहां बेसमेंट बना दिया गया। खाली स्थानों पर भी कब्जा कर लिया गया। अब इन दुकानों के बाहर पार्किंग होती है। जिसके कारण यातायात प्रभावित होता है। शहर के मुख्य बाजार की दुकानों में भी बिना किसी सरकारी परमिशन के तोडफ़ोड़ कर नक्शा बदल दिया गया। कहीं दुकान की साइज बढ़ा दी गई तो कहीं पुरानी दुकानों के सामने के खाली स्थानों पर कब्जा कर लिया गया।

Created On :   6 April 2024 3:42 AM GMT

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