राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन में दर्ज मामले वापस

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राज्य मंत्रिमंडल का फैसला  राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन में दर्ज मामले वापस

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन के जिन मामलों में मार्च 2022 तक आरोपपत्र दायर कर दिए गए राज्य सरकार ने उन मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। मुकदमे वापस लेने के बारे में पुलिस कमिश्नर और अतिरिक्त जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई।  समिति को निर्देश दिए गए हैं कि वह गणेशोत्सव और दहीहंडी उत्सवों के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने पर जल्द फैसला करे। समिति को उन आंदोलनों के मामलों को वापस लेने के अधिकार है जिसमें किसी की जान न गई हो और निजी या सार्वजनिक संपत्ति का 5 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान न हुआ हो। कोरोना संक्रमण के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर कई विद्यार्थियों और पढ़े लिखे बेरोजगारों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। पासपोर्ट और चरित्र प्रमाणपत्र हासिल करने में उन्हें परेशानी हो रही है। समिति को इस मामले में भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इसके पहले ठाकरे सरकार ने 22 जून को यह राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया है पर शिंदे सरकार यह कर उस कैबिनेट के फैसले को खारिज कर रही है कि तब तक ठाकरे सरकार अल्पमत में आ गई थी। 


 

Created On :   27 July 2022 8:04 PM IST

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