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दिल्ली सरकार बौद्ध धर्म का स्वतंत्र कानून बनाने पर कर रही है विचार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देने के बाद अब दिल्ली सरकार बौद्ध धर्मियों का स्वतंत्र कानून बनाने पर विचार कर रही है। दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि बौद्धों के लिए स्वंतत्र कानून के पक्ष में है। उनका कहना है कि वे जल्द ही इस बिल के प्रस्ताव को मंत्रीमंडल के समक्ष रखने वाले है।
बता दें कि ऑल इंडिया एक्शन कमेटी फॉर बुद्धिस्ट लॉ और भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा सोमवार से यहां के आंबेडकर भवन में बौद्ध धर्म का स्वंतत्र कानून बनाने की मांग को लेकर धरना और आंदोलन जारी है। आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री एड राजेन्द्र पाल गौतम संगठनों की मांग के समर्थन में आंदोलन स्थल पहुंचे थे। इस दौरान कमेटी की ओर से उन्हे बौद्ध कानून के बिल का ड्राफ्ट सौंपा गया। इस दौरान उन्होने यह बात कही।
मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग धर्मियों को स्वतंत्र दर्जा देने वाले कानून बन सकते है तो बौद्धों के लिए स्वतंत्र धर्म का कानून क्यों नही बनना चाहिए। बौद्ध धर्म हजारों साल पुराना है और यह एक अलग धर्म है। उन्होने कहा कि सबसे पहले तो यह देखेंगे की प्रदेश सरकार द्वारा पारित इस कानून की वैधता होगी या नही। क्योंकि दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश है। या फिर इस कानून को विधानसभा में पारित करके हम इसकी मान्यता के लिए केन्द्र सरकार को भेजेंगे।
Created On :   24 April 2018 10:51 PM IST