वीएचए की सदस्यता रद्द, सत्ता संघर्ष का खामियाजा भुगतना पड़ रहा खिलाड़ियों को
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ हॉकी एसोसिएशन (वीएचए) में जारी सत्ता संघर्ष के बीच हॉकी इंडिया ने तत्काल प्रभाव से वीएचए की सदस्यता रद्द कर दी। हॉकी इंडिया द्वारा जारी पत्र के अनुसार जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक वीएचए की सदस्यता निलंबित रहेगी। सत्ता संघर्ष में निश्चित रूप से लाभ किसी का नहीं हुआ, लेकिन बहुत अधिक नुकसान उन खिलाड़ियों का हुआ, जो काफी उम्मीदों के साथ नेशनल खेलने गए थे।
लंबे समय से चल रहा संघर्ष
विदर्भ हॉकी एसोसिएशन में सत्ता संघर्ष, कानूनी लड़ाई आम बात है। यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन "केवल हम ही हॉकी का भला कर सकते हैं" की सोच पर करारा तमाचा जड़ते हुए हॉकी इंडिया ने वीएचए की मान्यता को रद्द कर दिया है। आमतौर किसी स्पर्धा में दो-दो टीमें पहुंचने की स्थिति में एक टीम या फिर दोनों टीमों को खेलने से मना करने का रिवाज है, लेकिन वीएचए के रोज-रोज के झगड़े से परेशान हॉकी ने सदस्यता रद्द कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब और नहीं।
एक दूसरे पर आरोप की राजनीति
वीएचए के आज की स्थिति के लिए केवल और केवल इसकी कार्यकारिणी के सदस्य और इसके पूर्व सदस्य ही जिम्मेदार हैं। एक दूसरे पर आरोप लगाने में माहिर हाॅकी प्रमोटर्स पैनल और हॉकी लवर्स पैनल के सदस्यों को असल में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। 13 सदस्यीय कार्यकारिणी के एक वर्ग ने नियमित बैठक नहीं बुलाने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष बीसी भरतिया और सचिव विनोद गवई को निलंबित कर दिया। क्योंकि इस ग्रुप के पास 8 सदस्यों का समर्थन है, इसलिए यह गुट इसे संवैधानिक कदम बता रहा है, भले ही वीएचए के संविधान में इस प्रकार का प्रावधान कहीं भी नहीं है। वहीं दूसरी ओर श्री भरतिया और श्री गवई पर बिना कार्यकारिणी के अनुमोदन के साथ इंटर डिस्ट्रिक्ट स्पर्धा आयोजित करने का आरोप भी लगा है। इस बीच डॉ. एपी जोशी ने गुट का नेतृत्व करते हुए अलग से सीनियर नेशनल के लिए सिलेक्शन ट्रायल लिया और टीम भेजी। हॉकी इंडिया में अपना पक्ष दोनों गुटों ने जोरदार रूप से रखा। क्योंकि यह केवल सत्ता संघर्ष ही प्रतीत हुआ, इसलिए हॉकी इंडिया ने वीएचए की सदस्यों को ही रद्द कर दिया।
बच्चे खेलने से वंचित रह गए, इसका दु:ख है : जोशी
हॉकी इंडिया से निलंबित होने की खबरों के बीच डॉ. एपी जोशी ने कहा कि मैं खेल से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूं और खिलाड़ियों के नुकसान के बारे में सोच भी नहीं सकता। मुझे बेहद दु:ख हो रहा है कि विदर्भ के बच्चे नेशनल खेलने से वंचित हो गए। हालांकि डॉ. जोशी ने इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार बीसी भरतिया, विनोद गवई और त्रिलोकीनाथ सिधरा को ठहराया। उन्होंने सिधरा को मास्टर माइंड करार देते हुए कहा कि श्री भरतिया और श्री गवई उनके ही इशारे पर चल रहे हैं। वीएचए के निलंबन के लिए डॉ. जोशी ने अपनी भूमिका को नकारते हुए कहा कि हमने कई बार बैठक लेने के लिए दोनों से आग्रह किया, लेकिन उन लोगों ने अपनी अकड़ कायम रखी।
कल मैच है, पर फिलहाल वहां की स्थिति पता नहीं : गवई
चेन्नई नेशनल में वीएचए की टीम के खेलने की संभावना को लेकर सचिव विनोद गवई ने कहा कि बुधवार को सुबह 7:30 बजे मैच है, लेकिन फिलहाल वहां क्या चल रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि कल कौन-सी टीम उतर रही है, तब उन्होंने कहा वीएचए की। डॉ. एपी जोशी द्वारा भेजी गई टीम के चेन्नई में होने के मामले में उन्होंने अज्ञानता जाहिर की। इसके बाद वीएचए निलंबन को लेकर उनसे और बीसी भरतिया से दोबारा संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन नहीं हो पाया।
Created On :   9 Jan 2019 10:40 AM IST