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इजराइल ने सूखे मराठवाड़ा के लिए जल ग्रिड योजना के पुनरुद्धार की मांग की

- महाराष्ट्र : इजराइल ने सूखे मराठवाड़ा के लिए जल ग्रिड योजना के पुनरुद्धार की मांग की
डिजिटल डेस्क, मुंबई। इजराइल ने महाराष्ट्र सरकार से सूखे मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी जल-ग्रिड परियोजना के मास्टर प्लान को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया है, जो कोविड-18 महामारी के कारण विलंबित था। एक अधिकारी ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इजराइल के एशिया और प्रशांत क्षेत्र के उप महानिदेशक राफेल हरपाज के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और परियोजना को फिर से शुरू करने के लिए राज्य सरकार का समर्थन मांगा।
फरवरी 2018 में, इजराइल की राष्ट्रीय जल कंपनी मेकोरोट ने व्यापक जल संसाधन सर्वेक्षण करने के लिए महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र को चुना था और फिर यहां के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए एक जल ग्रिड विकसित करने में मदद की थी।
समझौते के अनुसार, मेकोरोट सर्वेक्षण के लिए प्रौद्योगिकी, जानकारी और सिस्टम लाएगा और 65,000 वर्ग किलोमीटर में फैले क्षेत्र में पानी की समस्या को खत्म करने के लिए एक जलापूर्ति मास्टर प्लान तैयार करेगा।
तत्कालीन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की यात्रा के दौरान इजराइल और महाराष्ट्र के बीच 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका उद्देश्य मराठवाड़ा की तीन करोड़ आबादी के लिए पानी की कमी को पूरा करना है।
मराठवाड़ा 8 जिलों में फैला हुआ है - औरंगाबाद, बीड, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, जालना, नांदेड़ और हिंगोली में लगभग 13,000 गांव हैं, जिन्हें पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए हर गर्मियों में हजारों टैंकरों की जरूरत होती है।
मेकोरोट मास्टर प्लान में जल ग्रिड बनाने और क्षेत्र के लिए निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मराठवाड़ा में कम से कम 11 बांधों को जोड़ने की परिकल्पना की गई है, लेकिन 2020-2021 में राज्यभर में फैली कोविड-19 महामारी के कारण प्रस्ताव अटक गया।
कोश्यारी ने इजरायली प्रतिनिधिमंडल का आभार व्यक्त किया और कहा कि मराठवाड़ा के जल प्रबंधन में इसकी मदद क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगी।
मुंबई में इजराइल के महावाणिज्य दूत कोब्बी शोशानी ने भी राज्यपाल को सूचित किया कि उनके देश ने हाल ही में मुंबई में टाटा मेमोरियल अस्पताल को एक अत्याधुनिक कैंसर उपचार उपकरण उपहार में दिया था।
आईसीई क्योर क्रायोब्लेशन डिवाइस के माध्यम से कैंसर के इलाज की सफलता 98 प्रतिशत पाई गई है और कहा कि बीमारी का जल्द पता लगाने से इसके प्रभावी उपचार में मदद मिलती है।
(आईएएनएस)
Created On :   18 March 2022 7:00 PM IST