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MP : अब फिर अपनी इच्छा से अनुदान दे सकेंगे सीएम, मंत्री और विधायक

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने आदेश जारी कर मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद सदस्यों, सांसदों और विधायकों पर वित्त वर्ष के चौथे तिमाही में तीस प्रतिशत से ज्यादा स्वेच्छानुदान राशि देने पर लगाई रोक हटा ली है। बता दें कि राज्य सरकार सालभर के बजट को चार भागों में बांट कर उसे व्यय करने की सीमा निर्धारित करता है। हर भाग में तीस प्रतिशत से अधिक बजट व्यय नहीं किया जा सकता है।
इसके कारण चौथे तिमाही में उक्त सभी गणमान्य लोगों को अपनी स्वेच्छानुदान राशि व्यय करने में दिक्कतें आ रही थीं, क्योंकि अनेक मंत्री, सांसद एवं विधायक अपनी निधि की राशि पूरी तरह सालभर में व्यय नहीं कर पाये थे। जबकि अब 31 मार्च, 2018 को वर्तमान वित्त वर्ष समाप्त होने वाला है। ऐसे में यदि यह तीस प्रतिशत व्यय की सीमा लागू रहती तो उनकी स्वेच्छानुदान राशि लैप्स हो जाती।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के लिये सालभर में दो करोड़ रुपये की स्वेच्छानुदान राशि का प्रावधान है परन्तु वे इसको सालभर में अनेक बार बढ़वा लेते हैं तथा हाल के तीसरे पूरक बजट में दस करोड़ रुपये की और वृध्दि की गई है। मंत्रियों और राज्य मंत्रियों की स्वेच्छानुदान राशि सालभर के लिये क्रमश: पचास लाख एवं पैंतीस लाख रुपये है। सांसद पच्चीस लाख रुपये और विधायक पन्द्रह लाख रुपये तक की राशि इस हेतु उपयोग कर सकते हैं।
वित्त विभाग मप्र के उप सचिव अजय चौबे ने मामले में कहा है कि ‘‘मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद सदस्यों, सांसादों तथा विधायकों को वर्तमान वित्त वर्ष के अंत होने के पहले अपनी पूरी स्वेच्छानुदान राशि व्यय करने की अनुमति वित्त विभाग द्वारा प्रदान कर दी गई है। अब उन पर इसे चौथे तिमाही में तीस प्रतिशत से अधिक व्यय करने पर लगाई गई रोक हटा ली गई है।’’
Created On :   25 March 2018 3:40 PM IST