किसान परिवार का 'दीपक' बना ब्रिटिश सरकार का 'चेवनिंग ग्लोबल लीडर'

The Deepak of the farmer family became the Chevening Global Leader of the British Government
किसान परिवार का 'दीपक' बना ब्रिटिश सरकार का 'चेवनिंग ग्लोबल लीडर'
मिलेगी 45 लाख की स्कालरशिप किसान परिवार का 'दीपक' बना ब्रिटिश सरकार का 'चेवनिंग ग्लोबल लीडर'

डिजिटल डेस्क, कोरपना (चंद्रपुर)। दुर्गम क्षेत्र के किसान परिवार का बेटा एड.दीपक यादवराव चटप  ब्रिटिश सरकार का 'चेवनिग ग्लोबल लीडर' बना है। ब्रिटिश सरकार द्वारा दी जानेवाली प्रतिष्ठित 'चेव्हेनिंग' के लिए दीपक का चयन हुआ है। दीपक को 45 लाख रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। दीपक  24 वर्ष की आयु में  यह स्कालरशिप प्राप्त करनेवाले देश के पहले युवा वकील बने हैं। सामाजिक नेतृत्व करने के इच्छुक विश्वभर के युवाओं को ब्रिटिश सरकार  यह छात्रवृत्ति देती है। लंदन के 'सोएस'  यूनिवर्सिटी में उच्चशिक्षा के लिए दीपक का चयन हुआ है। उनके कार्य व योग्यता पर संज्ञान लेकर शिक्षा के संपूर्ण खर्च की जिम्मेदारी ब्रिटिश सरकार ने ली है।

चंद्रपुर जिले के कोरपना तहसील अंतर्गत ग्राम लखमापुर निवासी दीपक 'पाथ'   सामाजिक संस्था के संस्थापक हैं। इसके माध्यम से राज्य के दुर्बल घटकों की बुनियादी समस्याओं को कानूनी तरीके से हल करने का काम करते हैं। किसान नेता एड. वामनराव चटप, पद्मश्री डा. अभय बंग, विधिज्ञ असीम सरोदे व तत्कालीन मंत्री जयंत पाटील के साथ सामाजिक व विधिविषयक किए गए दीपक के कार्य सराहे गए हैं।  किसान परिवार में जन्मे दीपक की प्राथमिक शिक्षा जिप शाला व माध्यमिक शिक्षा गडचांदुर में हुई। पुणे से कानून की डिग्री ली। शिक्षा लेते समय मुंबई के अरबी समंदर में प्रदूषण की याचिका एनजीटी में दाखिल की। किसान आत्महत्या को लेकर मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया। विधिमंडल अधिवेशन दौर में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दुर्गम क्षेत्र के प्रश्न सभागृह में पहुंचाए। किसान व विधिविषयक आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होते रहे।  

आने वाला समय किसान पुत्रों का
लखमापुर से लंडन यह शैक्षणिक यात्रा ग्रामीण क्षेत्र के किसान व दुर्बल घटकों के पुत्रों को ऊर्जा देनेवाली बनेगी। सफलता के लिए सभी का सहयोग मिला। आनेवाले समय में किसान व समाज के दुर्बल घटकों के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए अपने समाज के लिए काम करना होगा। ब्रिटिश सरकार दद्वारा दिखाया हुआ विश्वास महत्वपूर्ण है।  उच्च शिक्षा लेने के बाद भारत में वापस आकर किसान, आदिवासी व दुर्बल घटकों के लिए रचनात्मक कार्य करूंगा। भारत में आनेवाले समय हमारा रहेगा।  - एड. दीपक चटप,  

Created On :   2 July 2022 8:19 PM IST

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