Chhindwara News: कोयलांचल में पांचवीं मौत..किडनी रोग से पीड़ित एक और बच्चे ने नागपुर में तोड़ा दम

कोयलांचल में पांचवीं मौत..किडनी रोग से पीड़ित एक और बच्चे ने नागपुर में तोड़ा दम
दीघावानी के बच्चे का नागपुर में चल रहा था इलाज

Chhindwara News: परासिया ब्लॉक के दीघावानी के एक चार वर्षीय बच्चे की नागपुर में इलाज के दौरान शनिवार रात मौत हो गई। कोयलांचल में यह पांचवीं मौत है। यह बच्चा भी यूरिन न आने की समस्या से जूझ रहा था। इस तरह किडनी की समस्या से पीड़ित परासिया के दो बच्चे, न्यूटन और उमरेठ के एक-एक बच्चे की नागपुर में इलाज के दौरान मृत्यु हो चुकी है। इस तरह किडनी की समस्या से जूझ रहे कुछ बच्चों का अभी िजला अस्पताल और नागपुर के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

बताया जा रहा है कि कोयलांचल की पंचायत दीघावानी निवासी 4 वर्षीय विकास पिता हेमराज यदुवंशी की नागपुर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। निजी क्लीनिक में इलाज के बाद बच्चे को सिविल अस्पताल परासिया लाकर भर्ती कराया गया था, जहां जांच और इलाज के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जिला अस्पताल से बच्चे को नागपुर रेफर किया गया। परिजन बच्चे का निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। शनिवार रात को बच्चे ने दम तोड़ दिया। रविवार को दीघावानी में बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया।

डॉक्टर्स को हिदायत, लक्षण दिखते ही सरकारी अस्पताल भेजें पेशेंट-

सिविल अस्पताल परासिया में प्रभारी सीएचएमओ डॉ.नरेश गोन्नाडे रविवार को परासिया के सभी निजी अस्पताल के चिकित्सकों की बैठक लेकर हिदायत दी है कि निजी क्लीनिक में आने वाले बीमार बच्चों में किडनी संबंधी समस्या आने पर पेशेंट को तत्काल सिविल अस्पताल भेजें। जहां लक्षण और रोग की जांच के आधार पर बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा। बैठक में दिल्ली, भोपाल की टीम के अलावा एसडीएम शुभम यादव, प्रभारी बीएमओ डॉ.सुधांशु मानेकर, स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी अनूप साहू समेत निजी क्लीनिकों के चिकित्सक मौजूद थे।

स्वास्थ्य टीम नहीं निकाल पाई निष्कर्ष-

स्वास्थ्य विभाग अभी तक यह नहीं जान पाया है कि बच्चों में किडनी संबंधित समस्या क्यों उत्पन्न हो रही है। इस मामले में जिले की स्वास्थ्य टीम पहले ही नतमस्तक हो चुकी है। वहीं दिल्ली और भोपाल से विशेषज्ञों की टीम भी मृत बच्चों की हिस्ट्री एकत्र करने के अलावा कुछ नहीं कर पाई है। केस हिस्ट्री खंगालने के अलावा टीम सुबह 5 बजे निकलने वाले मच्छरों और घरों के आसपास रहने वाले चूहों को पकड़कर भी जांच कर रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी-

यूरिन रुकने की समस्या से पीड़ित दीघावानी के चार वर्षीय बच्चे को परासिया अस्पताल से जिला अस्पताल रेफर किया गया था। वहां से परिजन उसे नागपुर के निजी अस्पताल ले गए थे। जहां इलाज के दौरान बच्चे की मृत्यु हो गई है।

डॉ.सुधांशु मानेकर, प्रभारी बीएमओ, परािसया

Created On :   29 Sept 2025 2:36 PM IST

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