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Chhindwara News: एफआईआर हुई नहीं, गबन कांड की मुख्य आरोपी जोन कार्यालय अटैच

Chhindwara News: नगर निगम में गबन कांड की मिस्ट्री निगम, राजस्व और पुलिस के बीच झूल रही है। पांच लाख 18 हजार के गबन की पुष्टी होने के बावजूद कोई भी अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करने से पलड़ा झाड़ रहा है। इस बीच बुधवार को मामले की मुख्य आरोपी प्रीति सूर्यवंशी को निगम के चंदनगांव जोन कार्यालय में अटैच कर दिया गया। जिसके बाद मचे राजनीतिक हल्ले के बाद आनन-फानन में अधिकारियों को जांच के आदेश भी जारी करने पड़े।
सहायक आयुक्त मीना कोरी को पूरे मामले की जांच करते हुए सात दिन में रिपोर्ट सौंपने के लिए आदेशित किया गया है। नगर निगम में संपत्तिकर के भुगतान में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आया था। जिसके बाद राजस्व विभाग के कर्मचारियों को तत्काल मौके से हटा दिया गया।
हितग्राही संपत्तिकर की जो राशि निगम में जमा करते थे। उसे बीच में ही गायब कर दिया जाता था। प्रकरण सामने आने क बाद कमिश्नर द्वारा नोटिस जारी किए गए। जिसके बाद मामले की मुख्य आरोपी प्रीति सूर्यवंशी ने गबन किए गए पांच लाख 18 हजार रुपए निगम में जमा करवाएं। इधर, कमिश्नर ने भी प्रकरण में कोतवाली पुलिस को एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था। पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने से डेढ़ महीने से बच रही है।
कार्रवाई नहीं होने की वजह
तीन विभाग जिस महिला कर्मचारी पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। उसको लेकर भाजपा के दो गुट आमने-सामने हैं। एक पक्ष दोषी महिला कर्मचारी को हटाना चाहता है। जिसको लेकर पार्षदों का एक गुट पिछले दिनों निगम कमिश्नर से मिल भी चुका है। जबकि दूसरे गुट ने आरोपी महिला कर्मी को बचाने के लिए ऐढ़ी चोटी का जोर लगा दिया। बुधवार को जोन कार्यालय में अटेचमेंट के आदेश के बाद ही निगम में राजनीतिक गहमागहमी शुरु हो गई थी।
तीन विभागों की गफलत समझिए
1. नगर निगम: महिला कर्मचारी नगर निगम काउंटर शाखा में पदस्थ थी। पहले कमिश्नर निगम से कर्मचारी को बर्खास्त करने को लेकर तर्क दे रहे थे कि महिला कर्मचारी उनके विभाग के अधीन नहीं आती है। उन्होंने राजस्व को पत्र लिखा।
2. राजस्व: राजस्व विभाग ने भी उक्त महिला कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच महिला कर्मचारी की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगा दी गई। राजस्व अधिकारी भी महिला कर्मचारी पर कार्रवाई करने में टालामटोली करते रहें।
3. पुलिस: महिला कर्मचारी पर एफआईआर के लिए नगर निगम की टीम एक हफ्ते तक छिंदवाड़ा कोतवाल के चक्कर काटती रही। पुलिस महकमें का कहना था कि जांच चल रही है। कमिश्नर के लिखित आदेश के बाद पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती रही।
Created On :   13 Nov 2025 1:41 PM IST












