जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है - आयुक्त चिकित्सा शिक्षा!

The stipend of junior doctors has been increased by 17 percent - Commissioner Medical Education!
जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है - आयुक्त चिकित्सा शिक्षा!
जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है - आयुक्त चिकित्सा शिक्षा!

डिजिटल डेस्क | अनुपपुर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री निशांत वरवड़े ने बताया है कि जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं के निराकरण के संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग कई बार उनके प्रतिनिधियों से चर्चा कर चुके हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने माँगों के सकारात्मक समाधान के लिए अनेक कदम भी उठाये हैं। श्री वरवड़े ने बताया कि सी.पी.आई. अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि मान्य की गयी है। जल्द ही इसके आदेश जारी हो जायेंगे। प्राइस इंडेक्स के तहत इसमें आगे भी बढ़ोत्तरी की जायेगी। स्टायपेंड के अतिरिक्त इनके लिए चिकित्सा छात्र बीमा योजना लागू की जा रही है। नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार डॉक्टर्स का कार्य बहुत ही पवित्र कार्य है।

डॉक्टर्स का मुख्य उद्देश्य इनाम या वित्तीय लाभ प्राप्त करना नहीं अपितु मानवता की सेवा करना है। कानून सभी के लिये बराबर और समान है। श्री वरवड़े ने बताया कि अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता अधिनियम-1979 आवश्यकतानुसार अनेक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों पर भी लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स से अपेक्षा है कि वे मरीजों का उपचार जारी रखें। यह उनका नैतिक दायित्व भी है।

संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर्स अपनी इच्छानुसार पी.जी. करने के लिए मेडिकल कॉलेज का चयन करते हैं। मेडिकल कॉलेज का चयन करते समय उन्हें मालूम रहता है कि उन्हें कितना स्टायपेंड मिलेगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को पी.जी. के दौरान प्रेक्टिकल के लिए भी मरीजों का उपचार करना जरूरी है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में सेवाभाव से डॉक्टरों को जल्द काम पर वापस आना चाहिए।

Created On :   5 Jun 2021 9:13 AM GMT

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