जबलपुर में गौवंश के लिये कार्य करने की अनेक सम्भावनायें हैं- स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि!

There are many possibilities of working for the cow dynasty in Jabalpur - Swami Akhileshwaranand Giri!
जबलपुर में गौवंश के लिये कार्य करने की अनेक सम्भावनायें हैं- स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि!
गौवंश जबलपुर में गौवंश के लिये कार्य करने की अनेक सम्भावनायें हैं- स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि!

डिजिटल डेस्क | जबलपुर "मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्यपरिषद् के अध्यक्ष "महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने विगत दिवस आचार्य श्री विद्यासागर सेवा आश्रम, गोसलपुर द्वारा संचालित गौशाला में सर्वप्रथम गौमाता का पूजन कर एवं गौशाला परिसर में पीपल वृक्ष का पौधारोपण किया। इस दौरान आयोजित "गौ संगोष्ठी" में उन्होंने कहा कि -"गौवंश कभी भी अनुपयोगी और अनार्थिक नहीं होता", इस मान्यता और इसी पारम्परिक विश्वास के आधार पर हमें अपने घरों में गौपालन एवं गौसेवा का संकल्प जगाना होगा।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि शासन/प्रशासन और समाज तीनों के समन्वित प्रयास से ही गौवंश का संरक्षण एवं उनकी सेवा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि-"गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए मध्यप्रदेश सर्वाधिक अनुकूल राज्य है। उन्होंने कहा कि जबलपुर में गौवंश के लिये कार्य करने की अनेक सम्भावनायें हैं बल्कि वे सम्भावनायें आकार ग्रहण करने पर्याप्त हैं। मध्यप्रदेश अब सर्वाधिक गौवंश और सर्वाधिक गौशालाओं वाला प्रदेश के रूप में देश में चर्चित हो रहा है। प्रदेश के एक मात्र "पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय" में साईन्टिफिक प्रोसेस और वैज्ञानिक अनुसंधान विधि से युगानुकूल "नवाचार" विकसित कर बड़ी तीव्र गति से कार्य हो रहे हैं।

प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में "कामधेनु पीठ" की भी स्थापना का उपक्रम आरम्भ हो गया है। उन्होंने कहा कि- हमारे द्वारा संचालित गौ सेवा केंद्रों एवं गौशालाओं में जब तक गौसेवा हेतु "सप्त आयामों" को व्यवस्थित नहीं किया जायेगा तब तक हमारी गौशालायें "कुप्रबंधन की शिकार" होती रहेंगीं, अत: हमें गोशालाओं के लिये भूमि, गो-आवासीय परिसर, पानी, प्रकाश ,चरनोई ये सब प्राथमिक आवश्यकता के साथ वित्तीय संसाधन और प्रबंधन तंत्र जरूरी है। समितियों के प्रत्येक सदस्य को एक-एक आयाम का दायित्व लेना होगा और जिम्मेदारी के साथ उनका निर्वहन भी करना होगा तभी गौशालायें आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी होंगी।

इस दौरान "नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय" के कुलपति डॉ एस.पी. तिवारी ने गौवंश के लिये किये जाने वाले अनुसंधान की प्रक्रिया एवं आधुनिक विधि से मादा गौवंश में भ्रूण प्रत्यारोपण के सम्बंध में चल रहे कार्य का विवरण दिया। उन्होंने गोवंश को अर्थ की दृष्टि से मूल्यवान बनाने हेतु "गौ उत्पादों के निर्माण एवं उनके विक्रय हेतु मार्केटिंग के भारतीय पारम्परिक विधि का भी विस्तार से उल्लेख किया। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. ए.पी. गौतम ने भी अपने विचार रखे एवं बहुमूल्य सुझाव दिये।

इस अवसर पर उपसंचालक पशु चिकित्सा व सेवायें डॉ सुनीलकान्त बाजपेयी, एबीपीओ डॉ विनोद बाजपेयी, पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी विकासखंड सिहोरा डॉ नीता मिनोचा, डॉ सुनील विश्वनाथ दीक्षित, डॉ सौरभ गुप्ता, डॉ दुर्गेंद्र सिंह, पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एस के जोशी सहित गोशाला संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ सलिल जैन एवं समिति के अन्य सभी सदस्य गण तथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि श्री पुष्पराज सिंह बघेल आदि की गरिमा पूर्ण उपस्थिति रही।

Created On :   12 Oct 2021 10:09 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story