सियासत में चाचा भतीजे की लड़ाई ,वर्चस्व में तार-तार रिश्ते

सियासत में चाचा भतीजे की लड़ाई ,वर्चस्व में तार-तार रिश्ते
  • सियासत में चाचा-भतीजा और संघर्ष
  • पवार पॉलिटिक्स और पॉवर
  • पासवान परिवार में हो चुका है सियासी वार
  • मुलायम परिवार में भी मचा था हाहाकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासत में एक साल पहले शिवसेना में हुए बवाल के बाद एक बार फिर उबाल आया है। अब की बार लड़ाई चाचा भतीजे यानी शरद पवार और अजित पवार के बीच है। अजित ने शरद पवार से अलग रूख अपनाते हुए एनसीपी के कई बड़े नेताओं और जनप्रतिनिधियों के साथ बीजेपी समर्थित शिंदे सरकार में शामिल हो गए है।

महाराष्ट्र में मचे सियासी ड्रामा में एक बार फिर अपने ही अपनों के खिलाफ खड़े हो गए है। इस बार चाचा-भतीजा यानी शरद पवार और अजीत पवार है। राजनीति में चाचा भतीजे की लड़ाई की कहानी पुरानी है। महाराष्ट्र में शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच जारी सियासी संग्राम कोई पहला मौका नहीं है, जब इस सियासी कुर्सी के लिए इस कधर का युद्ध हुआ हो। इससे पहले भी दोनों के बीच ऐसे मौके देखे गए।

न केवल पवार परिवार के बीच बल्कि देश के कई रसूखदार राजनीतिक परिवारों में सत्ता संग्राम होते हुए देखा गया है। वैसे भी कहा जाता है राजनीति में सब जायज है, हालांकि वर्चस्व की लड़ाई में रिश्तों को तार-तार करना कितना सही है ये आपसी संबंध ही तय करते है। कभी कभी मनमुटाव मनजुड़ाव में भी बदल जाता है।

महाराष्ट्र में ही शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाल साहेब ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने उनकी पार्टी शिवसेना से बगावत कर दूसरी पार्टी मनसे बना ली।

बिहार में लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख दिवंगत रामविलास पासवान के बाद चाचा और भतीजे में पार्टी पर कब्जा करने केलिए संघर्ष हुआ। जिसके चलते पासवान की लेजेपी दो खेमों में बंट गई। जनता पार्टी और जेडीयू के सदस्य रहे दिवंगत नेता रामविलास पासवान ने 28 नवंबर 2020 में लोक जनशक्ति पर्टी की स्थापना की थी। उनके देहावसान के बाद रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस के बीच पार्टी के कब्जे को लेकर लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंची थी। हालांकि अब चिराग की एनडीए में वापसी से दोनों के बीच सुलह के आसार नजर आ रहे है।

उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी पर अपना अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए पिता-पुत्र के बाद चाचा में संघर्ष हुआ। राजनीति में चाचा भतीजे की लड़ाई में कुछ दिनों पहले तक शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की चर्चा काफी थी। हालांकि अभी दोनों साथ हैं।

Created On :   5 July 2023 11:04 AM GMT

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