महिला ने बुलंद हौसले से मुसीबतों को रौंदा

महिला ने बुलंद हौसले से मुसीबतों को रौंदा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-01 04:24 GMT
महिला ने बुलंद हौसले से मुसीबतों को रौंदा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्रक चलाना जोखिमों से भरा एक काम होता है क्योंकि काम का वातावरण कुछ खास आरामदायक नहीं होता। एक ट्रक ड्राइवर को अक्सर घंटों तक ड्राइव करना होता है। इस काम में बहुत कम महिला ड्राइवर्स हैं, और यहां मुख्यतः मर्दों का ही दबदबा रहता है। लेकिन इस बात को झुठला रही हैं भोपाल की ट्रक ड्राइवर योगिता रघुवंशी।  इस 47 वर्षीय, 2 बच्चों की मां ने 2003 में अपने पति की आकस्मिक मौत के बाद ये काम शुरू किया। 3 ट्रक और 2 बच्चों के साथ अकेली योगिता ने अपने पति का काम संभाला और ट्रक ड्राइविंग सीखी। बाद में उन्होंने ड्राइविंग की शुरुआत उन्हीं के एक ट्रक ड्राइवर की भरपाई के लिए शुरू की। उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। वो 10 चक्कों वाला ट्रक चलाती हैं और अक्सर नाजुक सामान पहुंचाती है। 
 

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