Corona Effect: विमानन क्षेत्र को होगा 25 हजार करोड़ का नुकसान, हालात सामान्य होने में लगेंगे दो साल

Corona Effect: विमानन क्षेत्र को होगा 25 हजार करोड़ का नुकसान, हालात सामान्य होने में लगेंगे दो साल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-08 09:16 GMT
Corona Effect: विमानन क्षेत्र को होगा 25 हजार करोड़ का नुकसान, हालात सामान्य होने में लगेंगे दो साल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के कारण सड़क से लेकर वायु परिवहन से जुड़े उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बीच क्रिसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में विमानन क्षेत्र को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई है। क्रिसिल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में विमानन उद्योग को 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

एयरलाइंस पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव
रिपोर्ट में कहा गया है, इसका सबसे अधिक 70 प्रतिशत प्रभाव एयरलाइंस पर पड़ेगा, जिससे 17 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। इसके बाद हवाईअड्डे के संचालक 5,000 से 5,500 करोड़ रुपये और हवाईअड्डे के खुदरा विक्रेता (खुदरा, खाद्य और पेय पदार्थ एवं शुल्क मुक्त) को 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना होगा।

हालात सामान्य होने में लग सकते हैं 18 से 24 महीने 
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, मुख्य विमानन केंद्रों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता में यात्रा पर रोक लंबे समय तक जारी रही तो नुकसान बहुत अधिक होगा। विमानन क्षेत्र को पहले की तरह सामान्य हालात में पहुंचने में 18 से 24 महीनों का समय लग सकता है।

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लॉकडाउन बढ़ा तो नुकसान और ज्यादा होगा
क्रिसिल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के निदेशक जगनारायण पद्मनाभन के अनुसार, ये प्रारंभिक अनुमान है, अगर लॉकडाउन पहली तिमाही से आगे बढ़ाया जाता है, तो कुल नुकसान और भी बढ़ सकता है। सड़कों और राजमार्ग क्षेत्र के संबंध में रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इससे राजमार्ग डेवलपर्स/टोल ऑपरेटरों को मार्च-जून के दौरान 3,450 से 3,700 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा उठाना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को इस अवधि में 2,100 से 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

कोरोना के बाद विमानन क्षेत्र में हो सकते हैं कई बदलाव
पद्मनाभन ने यह भी कहा है कि कोविड-19 के बाद पूरे विमानन क्षेत्र में कई ढांचागत बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कुछ विमान सेवा कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण की भी संभावना है। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल विमान सेवा कंपनियां अपने बेड़े में विस्तार नहीं करेंगी।

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