ठेेकेदार के चंगुल से छुड़ाए 19 बंधुआ मजदूर, ओडीशा से ले जाए जा रहे थे आंध्र प्रदेश

ठेेकेदार के चंगुल से छुड़ाए 19 बंधुआ मजदूर, ओडीशा से ले जाए जा रहे थे आंध्र प्रदेश

Tejinder Singh
Update: 2019-10-23 16:50 GMT
ठेेकेदार के चंगुल से छुड़ाए 19 बंधुआ मजदूर, ओडीशा से ले जाए जा रहे थे आंध्र प्रदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की मध्यरात्रि 19 बंधुआ मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से छुड़ाया गया। भट्टों पर काम कराने के लिए आंध्र प्रदेश ले जाए जा रहे मजदूरों में 8 पुरुष, 8 महिलाएं और 2 किशोर सहित एक किशोर शामिल हैं। उन्हें ले जाने वाले ठेकेदार को दबोच लिया गया है। जीआरपी एलसीबी स्कॉड, चाइल्ड लाइन व बाल संरक्षण दल ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया। समरसता एक्सप्रेस से बंधुआ मजदूरों को आंध्र प्रदेश ले जाया जा रहा था। जिला बाल संरक्षण दल को इसकी गुप्त सूचना मिली। दिल्ली के इंडियन जस्टिस मिशन स्वयंसेवी संस्था से फोन पर यह सूचना दी गई थी। सूचना के आधार पर जीआरपी एलसीबी स्कॉड, चाइल्ड लाइन और बाल संरक्षण दल की टीम ट्रेन आने से पहले ही रेलवे स्टेशन पर तैनात रही। मंगलवार आधी रात एक बजे के लगभग समरसता एक्सप्रेस स्टेशन पहुंचते ही बंधुआ मजदूरों को ढूंढ निकाला। उन्हें ट्रेन से उतार लिया गया। उनके साथ ठेकेदार रीक्षा मुदली मौजूद था। उसे पुलिस ने दबोच लिया। 

एक किशोरी की सूझबूझ से मिला सुराग

बंधुआ मजदूरों में दो किशोरियां हैं। इसमें एक किशोरी ने दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था को फोन किया और बताया कि उन्हें ईंट भट्टों पर काम कराने के लिए जबरदस्ती आंध्र प्रदेश ले जाया जा रहा है। किशोरी की सुझबुझ से बंधुआ मजदूरी का सुराग मिला।

हमेशा ले जाए जाते हैं मजदूर

ठेेकेदार के चंगूल से छुड़ाए गए किशोरियों ने बाल संरक्षण दल को बताया कि बलांगीर जिले से हमेशा मजदूरों को आंध्र प्रदेश ले जाया जाता है। ईंट भट्टों पर तड़के 3 बजे से सुबह 11 बजे और दोपहर 3 बजे से रात 11 बजे तक मनचाही मेहनत कराई जाती है। उन्हें ले जा रहा ठेकेदार उन्हीं के बलांगीर जिले का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि जिले में ऐसे अनेक ठेकेदार सक्रीय है।

मेहनताना भी नहीं मिलता

जिले में अनेक गरीब परिवार है। खेती का काम हो जाने पर ईंट भट्टों पर काम करने के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। ठेकेदार उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हैं। जरुरत पड़ने पर उन्हें एडवांस के नाम पर चंद रुपए देते हैं। उनसे ईंट भट्टों पर काम कराने के लिए ले जाया जाता है। काम कराने के बाद मेहनत भी नहीं दिया जाता। उन्हें वहां से भगा दिया जाता है। इससे पहले भी उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया गया है।

बलांगीर की टीम सुबह पहुंची

बंधुआ मजदूर मिलने पर बलांगीर पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलने पर बलांगीर जिले की पुलिस और बाल संरक्षण दल की टीम रात में ही नागपुर के लिए रवाना होकर सुबह 8 बजे नागपुर पहुंची।  मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को बलांगीर से आई टीम के हवाले कर दिया गया। उन्हें लेकर टीम वापस रवाना हुई। बलांगीर में ठेकेदार के खिलाफ बंधुआ मजदूरी प्रतिबंधक कानून और बाल मजदूरी प्रतिबंधक कानून अंतर्गत मामला दर्ज किए जाने की जानकारी मिली है।

Tags:    

Similar News