भीषण गर्मी में दो यूनिटें बंद, बाकियों में 6 से 7 दिन का कोयला बचा, बिजली संकट गहराने की आशंका

भीषण गर्मी में दो यूनिटें बंद, बाकियों में 6 से 7 दिन का कोयला बचा, बिजली संकट गहराने की आशंका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-06 09:23 GMT
भीषण गर्मी में दो यूनिटें बंद, बाकियों में 6 से 7 दिन का कोयला बचा, बिजली संकट गहराने की आशंका

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जब पूरा प्रदेश भीषण गर्मी में झुलस रहा है ऐसे में ट्रिपिंग मात्र से ही आम लोग तड़प उठते हैं। मगर आने वाले दिनों में तो भारी बिजली संकट गहराने के संकेत मिल रहे हैं। सरकारी विद्युत उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमीं के चलते बिजली संकट पैदा हो सकता हैं। हालात यह है कि प्रदेश की पावर जनरेटिंग कंपनी के अधीन सभी सरकारी ताप विद्युत गृहों में अधिकतम 7 दिनों का ही कोयला बचा हुआ हैं। वहीं संजय गांधी ताप विद्युत गृह स्थित 210-210 मेगावॉट की दो यूनिटें कोयले की कमीं के कारण बंद कर दी गई हैं।

गौरतलब है कि वर्तमान समय में प्रदेश में बिजली की डिमांड 9000 से 9500 बनीं हुई हैं। वहीं तापमान भी इन दिनों 45 डिग्री सेल्सियस के करीब ही दर्ज हो रहा हैं। इस स्थिति में हर जगह एसी, कूलर और पंखों का लगातार उपयोग होने से बिजली की डिमांड भी बढ़ रही हैं। इस बढ़ती डिमांड के बीच सरकारी विद्युत संयंत्रों का सहयोग न मिलना पूरे प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है।

तीन यूनिट्स में तकनीकी खराबी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों ताप विद्युत गृहों की स्थिति ठीक नहीं हैं। जहां दो विद्युत गृह बंद हो गए हैं, वहीं दो ताप विद्युत गृहों की तीन यूनिट भी तकनीकी खराबी से बंद पड़ी हैं। बताया जा रहा हैं कि श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह की 660 मेगावाट  उत्पादन क्षमता की एक यूनिट 2 जून से बंद हैं। इसके अलावा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की यूनिट 6 नंबर 2 सौ मेगावाट 25 मई से और 7 नंबर यूनिट 210 मेगावाट की 29 मई से तकनीकी कारणों से बंद हैं।

अघोषित कटौती का कारण यह तो नहीं
जानकारों का कहना है कि पूर्व में भी इस बात का खुलासा हो गया है कि जितने भी संयंत्र हैं वह अपनी क्षमता के अनुसार बिजली उत्पादन नहीं कर रहे हैं। जहां पावर जनरेटिंग कंपनी की कुल ताप विद्युत उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट हैं, इसमें भी 1740 मेगावाट उत्पादन तो हो नहीं रहा हैं। इन सब को देखते ही यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि इन दिनों जो अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है, उन सभी का कारण कहीं ताप विद्युत गृहों द्वारा पर्याप्त बिजली उत्पादन नहीं कर पाना तो नहीं हैं।
 

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