बच्चों को भीख ना मांगने का सन्देश देने 17000 km की पदयात्रा पर निकला युवक

बच्चों को भीख ना मांगने का सन्देश देने 17000 km की पदयात्रा पर निकला युवक

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-18 16:34 GMT
बच्चों को भीख ना मांगने का सन्देश देने 17000 km की पदयात्रा पर निकला युवक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिल्ली के 28 साल के युवा मैकेनिकल इंजीनियर आशीष शर्मा 17 हजार किलोमीटर की अकेले पदयात्रा पर निकले हैं। चौराहों, हाट-बाजारों में गरीब बच्चे भीख न मांगे, लोग इसे बढ़ावा न दें, भिक्षावृत्ति को धंधे के तौर पर संचालित करने वालों पर नकेल कसी जा सके इस संदेश को देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए वे हाथों में राष्ट्र ध्वज तिरंगा लिए अब तक करीब 3862 किमी की यात्रा कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने करीब 9 लाख से अधिक लोगों से संपर्क कर उन्हें अपना संदेश दिया है। उन्होंने 153 से भी अधिक स्कूल, कॉलेजों, कोचिंग क्लासेस के विद्यार्थियों से संपर्क किया है। वे शुक्रवार को नागपुर पहुंचे। 

चार माह पूर्व शुरू की यात्रा 
आशीष दिल्ली में 6 लाख रुपए सालाना के पैकेज की जॉब छोड़ कर इस अभियान पर निकले हैं। उन्होंने दो साल पहले ड्रग्स दिए जानेवाले बच्चों के पुनर्वास के साथ अन्य 8 बच्चों के पुनर्वास के बाद देश में इस तरह की स्थितियों से निबटने के लिए इस तरह का मिशन चलाने का निर्णय लिया। 22 अगस्त 2017 को जम्मू से शुरू की गई यात्रा में उन्होंने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के बाद महाराष्ट्र में मुंबई होते हुए रत्नागिरी, सांगली, सोलापुर, नांदेड, वर्धा के रास्ते नागपुर पहुंचे। आगे मध्य प्रदेश के बालाघाट, मंडला, जबलपुर, भोपाल और उज्जैन होते हुए वे आगे की यात्रा करेंगे। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों दमन, सिलवासा भी घूम चुके हैं। वे अपनी यात्रा का समापन रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के घर के पास करने का लक्ष्य रखे हैं।

यात्रा को सफल बनाने एप खोजा
 यात्रा को सफल बनाने के लिए आशीष ने एक ऐसे मोबाइल ऐप को खोज निकाला है, जिसमें उन्होंने देश को 5-5 किलोमीटर के क्षेत्र में विभाजित कर उन्हें आपस में लिंक किया है। उन्होंने सभी मंत्रालयों की बेबसाइट के जन निवारण लिंक से जोड़ा है, ताकि 14 जून 2018 को एक साथ लिए जानेवाले शपथ समारोहों और अन्य समस्याओं से सबको अवगत कराया जा सके। वे कहते हैं कि इस मिशन को सफल बानने के लिए वे सरकार और प्रशासन से मदद की उम्मीद नहीं रखते। स्वास्थ्य की स्थिति अनुसार रोज 50 से 70 किलोमीटर चलने का प्रयास करते हैं।

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