फर्जी वैक्सीनेशन मामले के आरोपी का पुलिस के सामने आत्मसमर्पण, 11 आरोपी गिरफ्तार 

फर्जी वैक्सीनेशन मामले के आरोपी का पुलिस के सामने आत्मसमर्पण, 11 आरोपी गिरफ्तार 

Tejinder Singh
Update: 2021-06-29 15:23 GMT
फर्जी वैक्सीनेशन मामले के आरोपी का पुलिस के सामने आत्मसमर्पण, 11 आरोपी गिरफ्तार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में आयोजित फर्जी टीकाकरण शिविरों के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक डॉक्टर मनीष त्रिपाठी ने मंगलवार को मामले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहसे सत्र न्यायालय ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। डीसीपी विशाल ठाकुर ने बताया कि मामले में त्रिपाठी की भूमिका को देखते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। त्रिपाठी इस मामले में गिरफ्तार किया जाने वाला 11वां आरोपी है। 

इससे पहले महानगर के कांदिवली इलाके में एक निजी अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर दंपति समेत 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। त्रिपाठी पेशे से डेंटिस्ट है। साथ ही उसने ही अपने नर्सिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लोगों को फर्जी टीका लगाने का प्रशिक्षण दिया था। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब कांदिवली की हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में निजी संस्था की मदद से टीकाकरण किया गया लेकिन टीका लगवाने वालों में कोरोना टीकाकरण से जुड़े बदनदर्द, बुखार जैसे लक्षण नजर नहीं आए।

यही नहीं टीके लगवाने वाले 390 लोगों में से कुछ को ही सर्टिफिकेट मिले वह भी कुछ दिनों के बाद और दूसरे अस्पतालों के नाम पर। सोसायटी के सदस्यों ने मामले की शिकायत पुलिस से की। इसके बाद धीरे-धीरे और शिकायतें सामने आने लगीं और पता चला कि आरोपियों ने टिप्स इंडस्ट्रीज समेत 11 जगहों पर आयोजित टीकाकरण शिविरों में दो हजार से ज्यादा फर्जी टीके लगाए हैं। जांच में यह भी पता चला कि लोगों को टीके की जगह सलाइन वाटर लगाए गए थे। विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 7 एफआईआर दर्ज होने के बाद सभी मामले की जांच के लिए डीसीपी ठाकुर की अगुआई में एक विशेष जांच समिति गठित की गई है। 

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