दहेज हत्या की आरोपी दो ननदों को नहीं दिया जा सकता अग्रिम जमानत का लाभ

दहेज हत्या की आरोपी दो ननदों को नहीं दिया जा सकता अग्रिम जमानत का लाभ

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-06 09:10 GMT
दहेज हत्या की आरोपी दो ननदों को नहीं दिया जा सकता अग्रिम जमानत का लाभ

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने दहेज हत्या की आरोप में बीना निवासी दो ननदों की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। जस्टिस राजीव दुबे की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि दोनों आरोपियों का नाम सुसाइड नोट में शामिल है। इसलिए उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। अभियोजन के अनुसार बीना निवासी आमीर अली का विवाह 26 मार्च 2018 को तराना के साथ हुआ था। विवाह के बाद से ससुराल वाले तराना को दहेज के लिए परेशान करने लगे। रोज-रोज की प्रताडऩा से परेशान होकर तराना ने 10 मई 2019 को आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस ने पति आमीर अली, ससुर इज्जत अली, सास नफीसा बानो, जेठ अकरम अली, ननद रूबीना शाह ओर तस्लीमा बानो के खिलाफ धारा 304 बी, 498 ए और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। ननद रूबीना शाह और तस्लीमा बानो की ओर से अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया। जमानत आवेदन में कहा कि दोनों को झूठा फंसाया गया है। मृतका तराना के िपता की ओर से अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडे ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए दोनों आरोपियों के नाम सुसाइड नोट में शामिल है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने दोनों की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी है।
 

सागर जिले को छोड़कर टाइप्ट पीएम और एमएलसी रिपोर्ट बनाने का काम हुआ पूरा

हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सागर को छोड़कर पूरे प्रदेश में पीएम और एमएलसी रिपोर्ट की टाइप्ट कॉपी पेश करने का काम पूरा कर लिया गया है। जल्द ही सागर जिले में भी यह काम पूरा कर लिया जाएगा। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने राज्य सरकार को कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया है। 

तिलहरी निवासी अमिताभ गुप्ता की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि पीएम और एमएलसी रिपोर्ट हस्तलिखित पेश की जाती है। पीएम और एमएलसी रिपोर्ट हस्तलिखित होने की वजह से यह समझ में नहीं आता है कि रिपोर्ट में क्या लिखा है। इसके लिए पीएम और एमएलसी रिपोर्ट तैयार करने वाले चिकित्सक को न्यायालय में बुलाया जाता है। चिकित्सक रिपोर्ट को पढ़कर जो बता देता है, उसे मानने की मजबूरी होती है। इसलिए पीएम और एमएलसी रिपोर्ट की निर्धारित फार्मेट में टाइप्ट कॉपी पेश करने के निर्देश दिए जाए। इसके साथ ही पीएम और एमएलसी रिपोर्ट को ऑनलाइन किया जाए, ताकि किसी को भी रिपोर्ट पढऩे में परेशानी न हो। हाईकोर्ट ने पिछले साल राज्य सरकार को पीएम और एमएलसी रिपोर्ट की टाइप्ट कॉपी पेश करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए राज्य सरकार की ओर से समय लिया गया था। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से जानकारी पेश कर बताया गया कि सागर जिले को छोड़कर पूरे प्रदेश में पीएम और एमएलसी रिपोर्ट की टाइप्ट कॉपी पेश करने का काम पूरा हो गया है। युगल पीठ ने राज्य सरकार को कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दे दिया है।
 

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