हड़ताल में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई, बीएमएस से जुड़ी दो बैंक नहीं होगी शामिल
हड़ताल में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई, बीएमएस से जुड़ी दो बैंक नहीं होगी शामिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से बुधवार को की जाने वाले देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने वाले प्रदेश के सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। सरकार हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ वाली केंद्र सरकार की नीति अपनाएगी। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। इसके अनुसार सरकार के सभी विभागों के कर्मचारियों को संबंधित कार्रवाई के बारे में अवगत कराने को कहा गया है। हड़ताल के समय विभाग प्रमुख और कार्यालय प्रमुखों को अपना मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। सरकार ने विभागों से कहा है कि कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल नहीं होने का आग्रह करें। हड़ताल के दौरान कार्यालय नियमित समय पर खोलने और बंद करने की जबाबदारी जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी। जरूरत पड़ने पर गृह रक्षक और पुलिस दल की मदद ली जा सकती है। हड़ताल के दौरान कार्यालय में उपस्थिति कर्मचारियों की जानकारी क्षेत्रिय कार्यालयों को संबंधित मंत्रालयीन विभागों को बताना होगा और मंत्रालय में विभाग की ओर से यह जानकारी संकलित कर उसकी अचूक जानकारी मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग को देना होगा। सरकारी कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर की जाने वाले हड़ताल को राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन ने समर्थन दिया है। महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
बीएमएस से जुड़ी दो बैंक 8 जनवरी को प्रस्तावित हड़ताल में नहीं होगी शामिल
उधर आरएसएस के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ से संबंधित बैंक यूनियन बैंकों की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ 8 जनवरी को प्रस्तावित हड़ताल में शामिल नही होगी। मजदूर महासंघ की बैंक यूनियन के महामंत्री अश्विनी राणा ने कहा कि यह राजनीतिक हड़ताल है। इसमें बैंक कर्मचारियों का कोई मुद्दा नही हैं। राणा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मजदूर महासंघ से संबंधित बैंक की दो यूनियन नैशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स और नैशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ ऑफिसर्स प्रस्तावित हड़ताल में शामिल नही होंगी। उन्होने कहा कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की नौ बैंक यूनियन में से वाम और कांग्रेस समर्थित एआईबीईए, एआईबीओए, आईएनबीओसी, आईएनएफईएफ और बीईएफआई आदि बैंक हड़ताल में शामिल होगी। उन्होने कहा कि यूएफबीयू पहले ही बैंक कर्मचारियों के मुद्दों सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय और बैंक कर्मचारियों के वेतन समझौते को जल्दी लागू करने को लेकर वर्ष 2018 में दो बार हड़ताल कर चुका है।