मेडिकल हो या प्राइवेट सभी जगह एक-एक बेड की हो रही मारामारी

मेडिकल हो या प्राइवेट सभी जगह एक-एक बेड की हो रही मारामारी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-14 08:27 GMT
मेडिकल हो या प्राइवेट सभी जगह एक-एक बेड की हो रही मारामारी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बीते एक पखवाड़े से नए कोरोना पॉजिटिव में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है जिन्हें नॉर्मल ऑक्सीजन सपोर्ट या हाई फ्लो की जरूरत है। ऐसी स्थिति बनने पर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट बेड पूरी तरह से भर गए हैं। हालात यह हो रहे हैं कि जिन अस्पतालों में नॉर्मल ऑक्सीजन (12 किलो प्रति घंटे फ्लो) की व्यवस्था है, वहाँ से मरीज सुपर स्पेशिएलिटी रेफर किए जा रहे हैं। हाई फ्लो नेजुला या वेंटीलेटर की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए एक-एक बेड की मारामारी मची हुई है। मेडिकल सहित निजी अस्पतालों में दिल्ली-भोपाल से राजनेता व बड़े अधिकारियों के फोन अपने परिचितों को बेड देने के लिए आ रहे हैं।
कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि अब ऐसे मरीज बढ़ गए हैं जो 70 या उससे कम ऑक्सीजन सेचुरेशन पर आ रहे हैं लेकिन एक-दो दिन बाद नॉर्मल ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने के बाद यह 80 से अधिक नहीं बढ़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार वायरस का फेफड़ों में संक्रमण तेज हो गया है, यही कारण है कि मरीज की हालत जल्द बिगड़ रही है। सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में गंभीर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लगभग ऐसी ही स्थिति उन बड़े निजी अस्पतालों में भी है जहाँ आईसीयू और वेंटीलेटर सुविधा उपलब्ध है।

 

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