बनाना रैपनिंग एंड प्रोसेसिंग से बदली किस्मत, दुबई पहुंचा केला

बनाना रैपनिंग एंड प्रोसेसिंग से बदली किस्मत, दुबई पहुंचा केला

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-16 09:13 GMT
बनाना रैपनिंग एंड प्रोसेसिंग से बदली किस्मत, दुबई पहुंचा केला

डिजिटल डेस्क, रविश वाघ ,अमरावती।   प्राकृतिक आपदाओं से परेशान किसान जहां खेतीबाड़ी से दूरियां बनाकर छोटा मोटा व्यवसाय कर अपना गुजर बसर करने का रास्ता अपना रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिले में कुछ ऐसे किसान हैं जो प्राकृतिक आपदाओं का डटकर सामना कर खेती में नए-नए उपक्रम चलाकर अपना आर्थिक स्थैर्य बढ़ाकर अन्य के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। अंबानगरी के  अंजनगांवसुर्जी का ऐसा ही एक किसान है प्रवीण नेमाड़े। इस किसान ने अपने खेत में ही केला रैपनिंग एंड प्रोसेसिंग की स्थापना कर अपने केला बागान और आस-पास के किसानों के केला बगानों से केला इकट्ठा कर एक कंटेनर के जरिए दुबई में भेजने का काम किया है।

यहां बता दें कि किसान प्रवीण नेमाड़े के पास 40 एकड़ केला बागान है। उन्होंने अपने  केला बागान में लगे केलों की तुड़ाई कर अपने खेत में ही स्थापित रैपनिंग एंड प्रोसेसिंग में केलों पर प्रोसेसिंग कर बेहतर किस्म के केलों को विदेशी बाजार में भेजना आरंभ किया है। यही नहीं किसान प्रवीण नेमाड़े द्वारा अन्य किसानों के केला बगीचे के केलों को तोड़कर राज्य समेत देश और विदेशी बाजार में बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। 

तहसील को मिली नई पहचान 
जिले का अंजनगांवसुर्जी तहसील को बगायती क्षेत्र के रूप में संपूर्ण विदर्भ में पहचाना जाता है। इस क्षेत्र में पानपिंपरी, केला, पपीता, संतरा का बड़े पैमाने पर उत्पादन लिया जाता है। यहां के किसान हमेशा नित नई खेती को प्राथमिकता देते हैं। पश्चिम महाराष्ट्र व मराठवाड़ा के किसान अपने खेत की उपज को विदेशी बाजार में भेजते हैं। अब  विदर्भ के किसान भी अपनी फसलों को विदेशी बाजार में बिक्री करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। संतरा फलों को विदेशी बाजार में पहुंचाने के बाद अब किसान प्रवीण नेमाडे ने केला फल को भी दुबई के बार मंडी में पहुंचाकर अपना तथा अन्य केला उत्पादकों का मनोबल बढ़ाने की सराहनीय पहल आरंभ की है।

इसके चलते तहसील के अधिकांश किसान अब केला बगान को साकार करने पर ध्यान दे रहे हैं। किसान प्रवीण नेमाड़े कहते हैं कि उनके पास 40 एकड़ खेत जमीन है। इनमें से संपूर्ण खेत जमीन में उन्होंने केले का बगीचा साकार किया है। इसके चलते उनको प्रति एकड़ 4 लाख रुपए मुनाफा केला बिक्री के बाद मिल रहा है। 

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