ओला-उबर टैक्सी किराए को लेकर नागपुर अधिवेशन में पेश होगा विधेयक

ओला-उबर टैक्सी किराए को लेकर नागपुर अधिवेशन में पेश होगा विधेयक

Tejinder Singh
Update: 2017-11-21 14:15 GMT
ओला-उबर टैक्सी किराए को लेकर नागपुर अधिवेशन में पेश होगा विधेयक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एप आधारित ओला-उबर टैक्सी के किराया निर्धारित करने और उसके परिचालन से जुड़ी रिपोर्ट को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में रखा जाएगा। सरकारी वकील जे. मैटोस ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। जहां बताया गया कि ओला-उबर टैक्सी किराए को लेकर नागपुर अधिवेशन में विधेयक पेश किया जाएगा। इस मामले में एप आधारित टैक्सियों के ऑपरेटर्स ने HC का दरवाजा खटखटाया था।

एप आधारित टैक्सियों के ऑपरेटर्स ने मामले को लेकर HC में दायर याचिका
एप आधारित टैक्सी के दो ड्राइवरों और एप आधारित टैक्सियों को ऑपरेट करने वाली संस्थानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में ड्राइवरों ने महाराष्ट्र सिटी टैक्सी रुल 2017 को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ओला-उबर टैक्सियों के लिए लाईसेंस देने के लिए कड़ी शर्ते लगाई गई हैं। नए नियमों के मुताबिक ओला-उबर टैक्सी पर्यटक परमिट पर टैक्सी नहीं चला सकते। उन्हें शहर की सीमा में टैक्सी चलाने के लिए स्थानीय परमिट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। परमिट के लिए उनसे काली-पीली टैक्सी की तुलना में कई गुना ज्यादा रकम ली जा रही है। 

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी, नागपुर अधिवेशन में पेश होगा विधेयक
मंगलवार कोजस्टिस शांतनु केमकर औरजस्टिस गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आई। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि उन्होंने एप आधारित टैक्सियों से जुड़े मुद्दों का अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जिसे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान पटल पर रखा जाएगा। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई को आठ सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मामले की अगली सुनवाई तक एप आधारित टैक्सी चालकों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। सरकारी वकील ने खंडपीठ को आश्वस्त किया कि हम एप आधारित टैक्सी चालकों के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाएंगे। 

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