ब्लड बैंक - कोरोना काल में और ज्यादा खाली हो गए लोग आसपास के जिलों से रिश्तेदारों को बुला रहे रक्तदान के लिए, पहले से ज्यादा भटकाव

ब्लड बैंक - कोरोना काल में और ज्यादा खाली हो गए लोग आसपास के जिलों से रिश्तेदारों को बुला रहे रक्तदान के लिए, पहले से ज्यादा भटकाव

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-14 12:30 GMT
ब्लड बैंक - कोरोना काल में और ज्यादा खाली हो गए लोग आसपास के जिलों से रिश्तेदारों को बुला रहे रक्तदान के लिए, पहले से ज्यादा भटकाव

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोविड-19 के संकट के समय अस्पतालों में जहाँ इलाज को लेकर मारामारी है तो वहीं संसाधन भी बौने साबित हो रहे हैं। तीनों प्रमुख अस्पतालों के ब्लड बैंकों में अब पहले के मुकाबले रक्त का स्टॉक नहीं है।  इसकी वजह कोरोना वायरस तो है ही साथ कई स्तरों पर स्वैच्छिक रक्तदान घटने से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। इस तरह की परिस्थियों में मरीजों के इलाज के दौरान अब ज्यादा परेशानियाँ झेलनी पड़ रही हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन चाहे गए ब्लड ग्रुप को प्राप्त करने के लिए अपने रिश्तेदारों को अपने आस-पड़ोस के जिलों से तक बुला रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों के परिजन रक्त के लिए यहाँ वहाँ परेशान होते देखे जा सकते हैं। जानकारों का कहना है कि ब्लड डोनेशन कम होने की सबसे बड़ी वजह कोरोना है, जिसके चलते स्वैच्छिक रक्तदाता ब्लड डोनेट करने से घबरा रहे हैं।
ब्लड बैंकों में स्टॉक आधे से भी कम
एल्गिन हॉस्पिटल के पैथोलॉजी विशेषज्ञ एवं ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि कोविड के चलते ब्लड बैंकों में स्टॉक आधे से भी कम हो गया है। शहर के तीनों ब्लड बैंकों में हर साल करीब 25 हजार यूनिट ब्लड डोनेट होता था, लेकिन इस वर्ष कोविड के चलते डोनेशन आधे से भी कम हो गया है, जिसके चलते ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी है। शासन ने निर्देश दिए थे कि कोविड के चलते लोग इक_े न हों और ब्लड डोनेशन में अधिकतम 20 यूनिट ही ब्लड एकत्रित किया जाए, लेकिन अब इन निर्देशों को वापस ले लिया गया है, इसके बाद भी लोगों में ब्लड डोनेशन के प्रति उत्साह कम है।  
रक्तदान शिविरों का न होना भी कारण
मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. शिशिर चिनपुरिया ने बताया कि हर साल मेडिकल के ब्लड बैंक में करीब 10 हजार यूनिट ब्लड एकत्रित होता था, जो कि इस साल कोविड के चलते बहुत कम मात्रा में हुआ है। जिसके चलते ब्लड की कमी से इनकार नहीं किया जा सकता। ब्लड की कमी का एक बड़ा कारण कॉलेज, एनसीसी, एनएसएस और अन्य संस्थाओं के माध्यम से होने वाले रक्तदान शिविरों के आयोजन न होना भी है।
डोनेशन की इच्छाकोरोना का डर
जानकारों का कहना है कि कोरोना के डर के चलते कई बार इच्छुक व्यक्ति भी ब्लड डोनेट करने से बच रहे हैं। किसी ब्लड डोनेशन कैम्प में जाने या हॉस्पिटल जाकर डोनेट करने में उन्हें खतरा महसूस हो रहा है। वहीं मार्च के बाद से ही शहर में आमतौर पर आयोजित होने वाले ब्लड डोनेशन कैम्प्स भी बेहद कम आयोजित हुए, वहीं जिनका आयोजन हुआ उनमें भीड़ इक_ी न हो, इसलिए बेहद कम यूनिट ही ब्लड डोनेट हुआ।

 

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