गौण खनिजों की रॉयल्टी दर को मंत्रिमंडल की मंजूरी, रात में उत्खनन की मिलेगी अनुमति
महाराष्ट्र गौण खनिजों की रॉयल्टी दर को मंत्रिमंडल की मंजूरी, रात में उत्खनन की मिलेगी अनुमति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा घोषित 31 गौण खनिजों के रॉयल्टी और डेड रेंट की दरों में संशोधन करने के फैसला को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र गौण खनिज उत्खनन (विकास व विनियमन) नियम 2013 के संबंधित नियमों में संशोधन करने के लिए स्वीकृति दी है। गौण खनिज अगेट और कोरंडम के लिए रॉयल्टी प्रति मेट्रिक टन 200 रुपए अथवा बिक्री मूल्य का 20 प्रतिशत इसमें से जो दर अधिक होगी उसका भुगतान करना होगा। चाइना क्ले, डोलोमाइट, फायर क्ले, लैटराइट, क्वार्टजाइट, शेल, सिलिका सैंड और अन्य घोषित गौण खनिज प्रति मेट्रिक टन 100 रुपए अथवा बिक्री मूल्य का 10 प्रतिशत इनमें से जो अधिक होगा वह देना होगा। खनिज फेल्सपार के लिए रॉयल्टी प्रति मेट्रिक टन 100 रुपए अथवा बिक्री मूल्य का 20 प्रतिशत इसमें से जो अधिक होगा उसका भुगतान करना होगा। खनिज पाइरोफिलाइट के लिए प्रति मेट्रिक टन 150 रुपए अथवा बिक्री मूल्य का 20 प्रतिशत इनमें से जो अधिक होगा वह दर वसूली जाएगी। क्वार्टज प्रति मेट्रिक टन 120 रुपए अथवा बिक्री मूल्य की 10 प्रतिशत राशि इसमें से जो अधिक होगी वह दर देना होगा। वहीं डेड रेंट 10 फरवरी 2015 को अधिसूचना के अनुसार 9 हजार रुपए प्रति हेक्येटर रहेगा।
सरकारी परियोजनाओं के लिए रात में खनिज उत्खनन को मिल सकेगी अनुमति
केंद्र सरकार, राज्य सरकार अथवा जलसंसाधन विभाग की परियोजनाओं के लिए आवश्यकता पड़ने पर विभागीय आयुक्त अब रात के समय भी खनिजों का उत्खनन और परिवहन की अनुमति दे सकेंगे। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा पारंपरिक व्यवसाय चालू रखने के लिए इच्छुक कुंभार और वडार समाज के परिवार का आवेदन आने पर विस्फोटक का इस्तेमाल करके अथवा उसके बिना उत्खनन करने की अनुमति दी जाएगी। राज्य में खनिज परिवहन के लिए सरकार द्वारा तय किए गए प्रति मेट्रिक टन व प्रति ब्रास ‘नियमन शुल्क’ और सेवा शुल्क परिवहन करने वाले अथवा खान पट्टा धारकों को अदा करना पड़ेगा। महाराष्ट्र गौण खनिज उत्खनन (विकास व विनियमन) नियम, 2013 के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा दिए गए किसी आदेश के बारे में विभागीय आयुक्त सहित अतरिक्त विभागीय आयुक्त के पास अपील दाखिल की जा सकेगी। इन प्रावधानों के लिए महाराष्ट्र गौण खनिज उत्खनन (विकास व विनियमन) नियम, 2013 के नियमों में संशोधन किया जाएगा।