अनिल देशमुख, परमबीर सिंह समेत 5 लोगों को चांदीवाल समिति ने भेजा नोटिस

अनिल देशमुख, परमबीर सिंह समेत 5 लोगों को चांदीवाल समिति ने भेजा नोटिस

Tejinder Singh
Update: 2021-05-23 13:49 GMT
अनिल देशमुख, परमबीर सिंह समेत 5 लोगों को चांदीवाल समिति ने भेजा नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय चांदीवाल समिति ने मामले में देशमुख, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर समेत पांच लोगों को नोटिस भेजा है। सभी को आगामी 11 जून तक शपथपत्र और मामले से  जुड़े दस्तावेज समिति को देने को कहा गया है। सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के जरिए मुंबई के रेस्टारेंट और बारों से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने का आरोप लगाया था जिसके बाद सरकार ने 30 मार्च को मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायधीश कैलास चांदीवाल के जरिए कराने के लिए  एक सदस्यीय समिति गठित की थी। हालांकि सरकार ने समिति को 3 मई को न्यायालयीन आयोग का अधिकार दिया। इसके बाद समिति ने मामले में देशमुख, सिंह के साथ एसीपी संजय पाटील, देशमुख के निजी सचिव रहे संजीव पलांडे और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को नोटिस भेजा है। इस सभी को 11 जून तक शपथपत्र के साथ आरोपों और सफाई से जुड़े दस्तावेज आयोग को सौंपने को कहा गया है। भेजे गए कागजात की छानबीन के बाद आगे सभी को समिति के सामने पूछताछ के लिए बुलाने को लेकर फैसला किया जाएगा। अब सिंह को समिति के सामने शपथपत्र देकर आरोप और उसके समर्थन में मौजूद सबूतों की जानकारी देनी होगी। चांदीवाल समिति को मंत्रालय के पास स्थित पुराने सचिवालय में जगह दी गई है।

दस्तावेजों और बयानों के आधार पर समिति यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों में तथ्य है या नहीं। बता दें कि एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार बरामद होने और कारोबारी मनसुख हिरन हत्या मामले में तत्कालीन पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह का मुंबई पुलिस आयुक्त पद से तबादला कर दिया गया था। मीडिया से बातचीत में तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि सिंह से गंभीर गलतियां हुईं हैं जिसके चलते उनका तबादला किया गया। इसके बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख पर मुंबई के रेस्टारेंट और बारों से वाजे और दूसरे पुलिस अधिकारियों के जरिए हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने का आरोप लगाया था।

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