जानलेवा है चिगर माइट्स जीवाणु: स्क्रब टायफस से छात्र की संदिग्ध मौत, मरीजों की संख्या 24 पर पहुंची

जानलेवा है चिगर माइट्स जीवाणु: स्क्रब टायफस से छात्र की संदिग्ध मौत, मरीजों की संख्या 24 पर पहुंची

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-31 05:52 GMT
जानलेवा है चिगर माइट्स जीवाणु: स्क्रब टायफस से छात्र की संदिग्ध मौत, मरीजों की संख्या 24 पर पहुंची

डिजिटल डेस्क, रामटेक(नागपुर)। चिगर माइट्स नामक जीवाणुओं के संपर्क में आने से कामठी में स्क्रब टायफस बीमारी फैल रही है। इसका पहला मरीज मिला है, वहीं रामटेक तहसील के हातोड़ी गांव के छात्र कृणाल देवानंद सहारे (12) की स्क्रब टायफस से संदिग्ध मौत होने की खबर से हड़कंप मच गया है। स्व. एड. नंदकिशोर जयस्वाल विद्यालय, काचुरवाही में वह कक्षा 7वीं का छात्र था।  अब तक 24 मरीज इस बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं जिसमें से 6 की मौत हो चुकी है। चिकित्सकों के अनुसार चिगर माइट्स नामक अति सूक्ष्म जीवाणु के कारण स्क्रब टायफस होता है। 

मेडिकल में किया गया था भर्ती
कृणाल सहारे माता-पिता का अकेला पुत्र था। कृणाल रविवार को अपने मित्रों के साथ गांव में स्थित हनुमान मंदिर परिसर में खेल रहा था। शायद यहीं उसका चिगर माइट्स नामक जीवाणुओं से संपर्क हुआ। उसके बाद तेज बुखार होने के चलते उसे  मेडिकल हॉस्पिटल, नागपुर में भर्ती किया गया, लेकिन 28 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार फिलहाल ऐसे मरीजों की संख्या जिले में 24 हो गई है, जिसमें से अभी तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है। छात्र की संदिग्ध मौत के बाद क्षेत्र में दहशत है। चिकित्सकों ने परिसर स्वच्छ रखने का का आह्वान लोगों से किया है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत से कीटनाशक का छिड़काव करने की मांग की है।

नत्थू डुमरे में स्क्रब टायफस पॉजिटिव
हमारे कामठी/कन्हान संवाददाता के अनुसार कामठी में स्क्रब टायफस नामक बीमारी का पहला मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। उप जिला अस्पताल के साथ-साथ कामठी नगर परिषद का स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। कामठी के कादर झंडा निवासी नत्थू डुमरे (70) में स्क्रब टायफस पॉजिटिव पाया गया है। सबसे पहले उन्हें चौधरी अस्पताल में ले जाया गया, जहां इलाज करना संभव नहीं होने पर नागपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

इस कीड़े के काटने से होती है बीमारी
स्क्रब टायफस बीमारी के लक्षण ‘त्सु-त्सु गामोछी’ नामक कीड़े के काटने से होता है। इस बात की पुष्टि प्रयाेगशाला में की गई जांच में हुई है। यह कीड़ा हरे रंग का होता है और खेतों में विशेष रूप से धान फसल के पत्तों पर पाया जाता है। जब यह कीड़ा इंसान को काटता है, तो सबसे पहले उसे बुखार आता है और जिस जगह पर काटता है, वहां पर खुजली और एक घाव जैसा हो जाता है। धीरे-धीरे शरीर पर दाग पड़ने लगते हैं। बीमारी के शुरुआती लक्षण में मरीज को सिर दर्द, ठंड लगकर बुखार आना, जोड़ों में दर्द, शरीर में कंपकपी होना शुरू हो जाता है। यदि ऐसा किसी को होता है, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाना चाहिए।

पूरे शरीर को ढंकने वाला कपड़ा पहनें
इस बीमारी से बचने के लिए व्यक्ति को पूरे शरीर को ढंका हुआ कपड़े पहनना चाहिए। घर के आस-पास जंगली घास-फूस को साफ कर देना चाहिए। यदि घर में कोई पालतू जानवर है, तो उसकी सफाई की सबसे पहले जरूरत है। स्क्रब टायफस बीमारी का कीड़ा पेड़-पौधे, जंगली घास-फूस से आता है। चारा या घास इकट्‌ठा करते समय शरीर पूरी तरह से ढंका हो। ऐसा करते समय कीटक रिपेलेंट क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इसमें 40 से 50% मृत्यु की संभावना बनी रहती है।
(एलवी देशमुख, वैद्यकीय अधीक्षक, कामठी)

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