शासन की भूमि पर बांट दिए अवैध पट्टे, अब होंगे निरस्त, कलेक्टर ने जारी किए आदेश
शासन की भूमि पर बांट दिए अवैध पट्टे, अब होंगे निरस्त, कलेक्टर ने जारी किए आदेश
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। शासन की भूमि पर गलत तरीके से पट्टे लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर छवि भारद्वाज ने एसडीएम को पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार, शहपुरा के ग्राम खैरी के रहवासियों ने जनसुनवाई में शिकायत देकर पूर्व सरपंच पर उनके परिवार के सदस्यों व कुछ अन्य लोगों पर आरोप लगाए थे। आरोप थे की नियम विरुद्ध तरीके से पट्टा जारी कराकर शासकीय जमीनों को खुर्द-बुर्द करने, बैंक से लोन लेने और भूमि का विक्रय किया था।
मामला कलेक्टर कोर्ट के समक्ष दर्ज हुआ और इसकी जांच करवाई गई। मामले की जांच में एसडीएम पाटन ने तहसीलदार के प्रतिवेदन के साथ पत्र पेश किया। प्रतिवेदन में कहा गया है कि सभी खसरों व हल्का नंबर की जांच की। जिसमें करीब 20 लोागें के नाम पर अलग-अलग खसरा नंबर में लगभग 2 हेक्टेयर भूमि पट्टाधारी के नाम से दर्ज पाई गई। प्रकरण में हल्का पटवारी से स्थल जांच करवाई गई तो पता चला कि जिनके नाम जमीनों के पट्टे हैं, वे ग्राम खैरी के निवासी नहीं हैं।
तहसीलदार के प्रतिवेदन के आधार यह बात सामने आई कि पट्टों का वितरण वर्ष 1975-76 में हुआ, लेकिन इनकी दुरुस्ती वर्ष 1989-90 में हुई है। वहीं जिन पट्टाधारियों को ग्राम खैरी का बताया जा रहा है वास्तव में वे गांव के रहवासी नहीं थे। फलस्वरुप एसडीएम द्वारा तहसीलदार के प्रतिवेदन में उल्लेखित पट्टे संदेहास्पद ठहराया गया है।
आदेश में यह कहा गया
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि एसडीएम व तहसीलदार की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि वर्ष 1975-76 में वितरित किए गए प्रश्नाधीन पट्टों के प्राप्तकर्ता संबंधित ग्राम खैरी के निवासी नहीं पाए गए हैं। अत: तहसीलदार द्वारा पट्टे की शर्तों का उल्लंघन होना बताया गया है, जबकि एसडीएम पाटन ने पट्टों की वैधता पर संदेह जाहिर किया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि ऐसी स्थिति में यदि पट्टों की शर्तों का उल्लंघन है तो मप्र भू-राजस्व संहिता की धारा के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही यदि पट्टे की वैधता संदेहास्पद है, तो पट्टे देने के प्रकरणों की कार्रवाई का पुनरीक्षण किया जा सकता है। इसी के चलते कलेक्टर ने एसडीएम पाटन को पुनरीक्षण कर एक माह के भीतर प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों की माने तो पुनरीक्षण प्रस्ताव पेश होने के बाद पट्टों को निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।