राजस्थान के सैर सपाटे से लौट रहे कांग्रेस विधायक, जमकर उठाया पर्यटन का लुत्फ

राजस्थान के सैर सपाटे से लौट रहे कांग्रेस विधायक, जमकर उठाया पर्यटन का लुत्फ

Tejinder Singh
Update: 2019-11-13 16:03 GMT
राजस्थान के सैर सपाटे से लौट रहे कांग्रेस विधायक, जमकर उठाया पर्यटन का लुत्फ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में सत्ता संघर्ष के बीच राजस्थान ले जाए गए कांग्रेस के विधायक अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए लौट रहे हैं। बुधवार को विधायकों को अपने क्षेत्र में लौटने की अनुमति मिल गई है। विधायकों से कहा गया है कि सत्ता का मैजिक देखने को मिलेगा। खुशी की खबर आएगी। कांग्रेस विधायकों के लिए राहत की बात तो यह भी है कि चुनाव की थकान दूर करने के लिए उन्हें कहीं और नहीं जाना पड़ा। राजस्थान में न केवल आनंददायक मेहमानी मिली बल्कि पर्यटन क्षेत्रों, अभ्यारणयों की भी सैर कर आए। सत्ता संघर्ष के बीच नए विधायकों के पालाबदल की संभावना देखते हुए सभी दलों ने सावधानी बरती थी। भाजपा व राकांपा ने विधायकों को एक स्थान पर नहीं बुलाया बल्कि उन्हें आवश्यक दिशानिर्देश देते रहे। लिहाजा भाजपा व राकांपा के विधायक मुंबई या अपने निर्वाचन क्षेत्र में रहे। शिवसेना ने अपने व समर्थन देनेवाले विधायकों को मुंबई में बुलाया। सावधानी बरतते हुए सदस्यों को एक होटल में रखा गया। लेकिन कांग्रेस अपने सदस्यों को राजस्थान की राजधानी जयपुर में लेकर गई।

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। वहां के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे नागपुर से हैं। लिहाजा पांडे मार्गदर्शन में कांग्रेस के सदस्यों की मेहमानी की गई। होटल में रहे कांग्रेस के एक विधायक के अनुसार अलग अलग समूह तैयार किए गए थे। सभी सेवा सुविधाएं दी जा रही थी। करीब 5 दिन पर्यटन क्षेत्रों का आनंद लिया गया। मुंबई व दिल्ली में राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस के 2-4 विधायक को छोड़कर शेष विधायकों को राजस्थान से बाहर नहीं जाने दिया गया। जयपुर के आसपास के पर्यटन स्थल रणथंभोर, अजमेर व अन्य स्थानों की भी सैर की गई। कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया था कि उनके विधायकों को खरीदने का प्रयास भाजपा की ओर से किया जा रहा है। भाजपा की ओर से कांग्रेस के आरोप को खारिज किया गया। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद कांग्रेस विधायकों को राजस्थान से लौटने की अनुमति दी गई। कांग्रेस विधायकों में जिले में पहली बार जीते विकास ठाकरे व राजू पारवे भी शामिल हैं। नितीन राऊत व सुनील केदार वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं। उन्होंने घूमने फिरने की छूट दी जा रही थी।
 

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