कोरोना की रिपोर्ट लेट आने से खुलेआम घूम रहे संक्रमित, संपर्क में आने वालों को बड़ा खतरा

कोरोना की रिपोर्ट लेट आने से खुलेआम घूम रहे संक्रमित, संपर्क में आने वालों को बड़ा खतरा

Tejinder Singh
Update: 2021-04-11 10:58 GMT
कोरोना की रिपोर्ट लेट आने से खुलेआम घूम रहे संक्रमित, संपर्क में आने वालों को बड़ा खतरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड-19 के चलते एक वर्ष बाद भी कामठी में आरटीपीसीआर जांच सेंटर नहीं होने से जांच कर रिपोर्ट आने के लिए नागपुर पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसमें पिछले कुछ दिनों से तीन दिन से आठ दिन तक लोगों को रिपोर्ट नहीं मिलने से संक्रमितों को पता नहीं होने से वह अपने परिवार और अपने मित्रों के संपर्क में रहते हैं। साथ ही शहर में घूमते रहते हैं। इस दौरान इनके संपर्क मेंे आने वाले भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से शहर के हर क्षेत्र में कोरोना मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। वास्तविकता को छोड़ स्थानीय प्रशासन संक्रमण बढ़ने का और ही कारण बता रही है, लेकिन सही मायने में संक्रमण बढ़ने का यह महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है। कोरोना के आगे प्रशासन कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। जिसके कारण कोरोना पॉजिटिव मरीज परिवार के साथ शहरवासियों में भी इस बीमारी को तेजी से फैलाते जा रहे हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर जहां ज्यादा पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, वहां कंटेनमेंट जोन बना दिए जा रहे हैं। जिन घरों में कोरोना मरीज पाए जा रहे हैं, वहां किसी भी प्रकार का सूचना फलक नहीं होने से इस क्षेत्र से गुजरने वाले लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

4 से 5 दिन लग रहे आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में

कोराडी-महादुला में कोरोना का संक्रमण इस कदर फैल रहा है कि, स्वास्थ्य विभाग भी परेशान हो गया है। पीएचसी के 16 डॉक्टर में से 11 संक्रमित हो गए। इतना ही नहीं नागपुर स्थित मेयो, मेडिकल की लैब ने तो अब 4-5 दिन से आरटीपीसीआर जांच के नमूने भेजने के लिए मना कर दिया है। ऐसे में कोरोना का संक्रमण क्षेत्र में बेकाबू रफ्तार से बढ़ने में और बल मिल रहा है। पीएचसी गुमथी के मेडिकल ऑफिसर राहुल राऊत ने बताया कि, हम पूरी जी-जान से काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट आने में 4 से 5 दिन लग रहे हैं। रिपोर्ट आने तक संक्रमित व्यक्ति कई लोगों के संपर्क में आने से अनेक लोगों को संक्रमित कर देता है। 

एक सप्ताह में 2244 की जांच, 579 संक्रमित

बताया गया कि, क्षेत्र में एक सप्ताह में 2244 लोगों की टेस्ट की गई। जिसमें 579 लोग संक्रमित पाए गए तथा 16 की मृत्यु हो गई। कई बार एंटीजन टेस्ट निगेटिव आती है, लेकिन आरटीपीसीआर करने पर पॉजिटिव िरपोर्ट आती है, क्योंकि यह नया वायरस है, इसके लक्षण बदलने लगते है। आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 48 घंटे में आ जाना चाहिए, लेकिन नागपुर के मेयो मेडिकल की लैब से रिपोर्ट आने में 4 से 5 िदन लग रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो उन्होंने 4-5 दिन नमूने न भेजने की भी सूचना दे डाली है। जिससे स्थिति और भी भयावह रूप धारण कर सकती है। दूसरी ओर पीएचसी गुमथी के तहत महादुला गुमथला, बोखारा और गुमथा में एंटीजन टेस्ट करने का काम 4 डाक्टर और 4 टेक्नीशियन कर रहे हैं। यहां 16 लोगों की टीम है, जिसमें मेडिकल ऑफिसर राऊत समेत 11 वर्कर पॉजिटिव हो गए हैं। हालात बहुत खराब हैं। संक्रमित मरीजों की देखभाल का जिम्मा 71 आशा वर्करों पर है। उसमें एक आशा वर्कर 60 से 70 मरीजों को संभाल रही है। यह भी ओवरलोड है। मैन पावर बढ़ाने के लिए आंगनवाड़ी सेविका से मदद ली जा सकती थी, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया है। अब तो बहुत ही भयावह स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में सरकार ने इस पर तत्काल हल निकालना चाहिए। वरना स्थिति बहुत ही बेकाबू हो जाएगी।
 

जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय को कोविड सेंटर बनाने की मांग

पिछले कुछ दिनों से कन्हान क्षेत्र में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के कारण वेकोलि कामगार एवं आम जनता परेशान है। आम जनता को हो रही तकलीफों को लेकर तथा कन्हान क्षेत्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण, बढ़ती मृतकों की संख्या तथा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में बेड उपलब्ध न होना आदि विषयों को लेकर जिला परिषद अध्यक्षा रश्मि बर्वे ने राज्य के पशुसवर्धन मंत्री सुनील केदार को स्थिति से अवगत करवाया तथा केदार एवं जिला परिषद अध्यक्षा रश्मि बर्वे ने साथ में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय का दौरा किया। केदार ने तुरंत इन सब बातों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ठाकरे से चर्चा की। जिलाधिकारी द्वारा सभी समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए शीघ्र ही 46 बेड की व्यवस्था उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। प्रशासन की ओर से 10 परिचारिकाएं उपलब्ध कराने की बात कही। इस अवसर पर वेकोलि नागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक आभाशचंद्र सिंह ने स्टाफ की कमी को शीघ्र ही पूर्ण करने को लेकर आश्वस्त किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय कोयला खदान मजदूर संघ (इंटक) के क्षेत्रीय अध्यक्ष नरेश बर्वे, श्रीनिवास वियनवार, पंस सभापति मीना कावले, करुणा भोवते, उपसरपंच श्यामकुमार बर्वे प्रमुखता से उपस्थित थे।
 

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