अब भी कोरोना की दहशत, वुहान में आईकार्ड दिखाने पर ही मिला मास्क

अब भी कोरोना की दहशत, वुहान में आईकार्ड दिखाने पर ही मिला मास्क

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-02 06:39 GMT
अब भी कोरोना की दहशत, वुहान में आईकार्ड दिखाने पर ही मिला मास्क

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  चीन के वुहान में भले ही अब भी कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है। इस वायरस के कारण शंघाई में भी लोगों को 14 दिन तक घरों में बंद (आइसोलेटेड) रहना पड़ा है। शंघाई में अब स्थिति सामान्य है। विशेष बात यह है कि यह बीमारी सभी को नहीं होती है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हीं को यह वायरस चपेट में लेता है। इसमें वृद्ध, बच्चे सबसे ज्यादा शामिल होते हैं। यह बात इंडियन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमित वाइकर ने शंघाई से लौटकर दैनिक भास्कर से चर्चा में बताई। संभावना है कि 20-25 दिन में और स्थिति सामान्य हो जाएगी।

ऐसे बिगड़ी स्थिति
वुहान में जब एक के बाद एक मामले सामने आए तो अस्पतालों में बेड की कम पड़ने लगे। 22-23 जनवरी को स्थिति बिगड़ी। उसी समय चाइनीज नए साल की छुट्टियों की शुरुआत हो रही थी। इस दौरान परिवार के लोग एक-दूसरे से मिलने जाते है जो चीन की करीब 40 से 50 फीसदी आबादी होती है। इतने लोगों काे ट्रेस करना उनके लिए आसान नहीं था। इसलिए रास्तों को बंद कर दिया गया, जिससे बाहर से आने वाले को संक्रमण न हो और यहां से जाने वाले लोग किसी को संक्रमित न कर सकें। 

आईकार्ड दिखाकर मिल रहा था मास्क
चीन के वुहान और नागपुर में एक समानता यह है कि दोनों ही देश के मध्य में स्थित हैं। इस वजह से कई बड़े मार्ग वहां से निकलते हैं। सभी से मॉस्क पहनने की सलाह दी गई, जिसकी वजह से मॉस्क की कमी हो गई। इतनी बड़ी संख्या में मॉस्क की जरूरत नहीं पड़ी। हालांकि आईकॉर्ड दिखाने पर प्रति व्यक्ति दो माॅस्क दिए जा रहे थे, जिससे परेशानी नहीं हो रही थी।

14 दिन तक घर में रहे
आपातकालिन स्थिति घोषित होने के कारण लोगों को 14 दिन तक घर में रहने को बोला गया। मैं करीब 25 जनवरी से 10 फरवरी तक घर में रहा। 6-7 फरवरी तक स्थिति बहुत की गंभीर हो गई थी। फिर 2-3 दिन बाद छोटी-छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति मिली। दो हफ्ते पहले हमारी फैक्टरी चालू हो गई थी। 6 दिन से सब सामान्य है। अब मृत्युदर भी कम हो गई है। 

तभी एयरलाइंस बंद हो गईं
जब लोग मुझे भारत आने के लिए बोल रहे थे, तभी एयर इंडिया ने उड़ानें रद्द करने का निर्णय ले लिया। कुछ लोगों के पहले ही बाहर जाने की वजह से अन्य देशों में वायरस पहुंच गया था। एयरलाइंस के सामने यह समस्या थी कि वह अपने क्रू मेंबर को वहां कैसे छोड़ दे, क्योंकि वहां हालात बिगड़े हुए थे। इसके अलावा यात्रियों का विमानतल तक पहुंचना भी आसान नहीं था।

टीम लीडर होकर कैसे छोड़कर आता
श्री वाइकर ने कहा कि मैं वहां एक बड़ी टीम का नेतृत्व कर रहा था। कई लोगों ने मुझे भारत आने के लिए कहा। लेकिन मैं भारत आता तो भारतीय लोगांे के साथ चाइनीज लोगों का मनोबल गिरता। इसलिए मैंने अपने परिवार के साथ वहीं रुकने का निर्णय लिया। अब मैं जब वापस जाने वाला हूं तो यहां आ चुके 6-7 परिवार मेरे साथ उसी विमान से जाने वाले हैं।

ई-लर्निंग स्कूल  चालू हुए
बच्चों के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। अब स्कूल मार्च के बाद खुलेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए ई-लर्निंग स्कूल चालू किए गए हैं, जिसमें बच्चों को घर पर ही कंप्यूटर पर पढ़ाया जाता है। 

ये बातें संदेश देती हैं....
* आपदा से बचने के लिए 15 दिन में 1 हजार पलंग का अस्पताल बनाकर चालू कर दिया।
* किसी भी सामान की कीमत अधिक करने पर देशद्राेह माना जाएगा इस आदेश से किसी भी सामान की कीमत नहीं बढ़ाई।
* देश सेवा के नाम पर 10 से 15 हजार लोगों ने स्वास्थ्य सेवा के लिए खुद आगे आकर काम किया।
* सबसे पहले कोरोना को पहचानकर घातक बताने वाले डॉक्टर को हीरो का स्टेटस दिया गया, हालांकि उसकी मृत्यु हो गई।
 

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