छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए निगम ने बनाई हैल्पलाइन, निगम कर्मी खुद हॉस्टल जाकर कराएँगे व्यवस्थाएँ

छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए निगम ने बनाई हैल्पलाइन, निगम कर्मी खुद हॉस्टल जाकर कराएँगे व्यवस्थाएँ

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-27 13:13 GMT
छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए निगम ने बनाई हैल्पलाइन, निगम कर्मी खुद हॉस्टल जाकर कराएँगे व्यवस्थाएँ

डिजिटल डेस्क जबलपुर । दूर-दराज से शहर आकर पढ़ाई करने वालीं छात्राएँ हों या फिर कामकाजी महिलाएँ जो कि  हॉस्टलों में रहती हैं उनके लिए नगर निगम ने हैल्पलाइन बनाई है। इसमें निगम कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे हॉस्टलों में जाकर यह देखें कि छात्राओं और महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं हो रही है, उन्हें समय पर खाना आदि मिल पा रहा है या नहीं। उन्हें दवाइयों, किराना या अन्य किसी भी प्रकार की सामग्री के लिए भटकना न पड़ रहा। निगम को प्राथमिक रूप से ऐसी 189 हॉस्टलों की सूची मिली है जिसमें संचालकों के नाम और फोन नम्बर्स हैं। लॉक डाउन के पहले ही छुट्टियाँ पडऩे से बहुत सी छात्राएँ तो शहर से चलीं गईं, लेकिन जिनके एग्जाम होने थे वे यहीं रुक गईं थीं। इसी प्रकार कामकाजी महिलाएँ भी बड़ी संख्या में ऐसे ही हॉस्टलों में रहती हैं और वे कहीं नहीं जा पाईं, इसलिए अब उनके प्रति निगम ने दयालु रवैया अपनाया है। कुछ दिनों की बात होती तो फिर भी चलता लेकिन मामला 21 दिनों का होने से परेशानी बढ़ गई है और अब छात्राएँ तथा कामकाजी महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगमायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि कुछ छात्रावासों में तो छात्राएँ नहीं हैं या बिल्कुल कम हैं लेकिन हमारे लिए हर जिंदगी महत्वपूर्ण है इसलिए हमने सभी हॉस्टलों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की है जो  इन हॉस्टलों में जाकर निरीक्षण करेंगे ।
और महिलाओं तथा छात्राओं को जो भी परेशानी होगी उसका निदान कराया जाएगा। 
सबसे बड़ी समस्या खाने की
अधिकांश हॉस्टलों में खाने की सामग्री की कमी हो गई है, जिसे लेकर निगम अधिकारी तैयारी कर रहे हैं जिससे उन तक अनाज पहँुचाया जा सके। इसी प्रकार कई अन्य जरूरी सामग्री जैसे तेल, साबुन, शक्कर, चाय पत्ती आदि देने की भी व्यवस्था की जा रही है। 
प्रमुख सचिव ने वीसी में दिए थे निर्देश
 25 मार्च को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए थे कि सभी छात्रावासों पर नजर रखी जाए और वहाँ रहने वालीं छात्राओं और महिलाओं को हर जरूरी सुविधा प्रदान की जाए।

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