वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन से करो 29 साल पहले खरीदे गए प्लाट की कीमत का भुगतान : फोरम

वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन से करो 29 साल पहले खरीदे गए प्लाट की कीमत का भुगतान : फोरम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-30 07:46 GMT
वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन से करो 29 साल पहले खरीदे गए प्लाट की कीमत का भुगतान : फोरम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जिला उपभोक्ता फोरम ने एपीआर गृह निर्माण सोसायटी कटंगा को आदेशित किया है कि उपभोक्ता को दो माह के भीतर 29 साल पहले खरीदे गए प्लाट की कीमत का भुगतान वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन से करें। जिला उपभोक्ता फोरम क्रमांक-2 के अध्यक्ष केके त्रिपाठी, सदस्य योमेश अग्रवाल और अर्चना शुक्ला ने उपभोक्ता को 10 हजार रुपए क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है। 

1990 में एपीआर गृह निर्माण सोसायटी कटंगा से किया था 1250 वर्गफीट का प्लाट सौदा

सतना बिल्डिंग जबलपुर निवासी अनिल कुमार चिल्ले की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया कि उन्होंने 15 मार्च 1990 में एपीआर गृह निर्माण सोसायटी कटंगा से 1250 वर्गफीट का प्लाट क्रमांक-212 लेने के लिए विक्रय अधिकार पत्र निष्पादित किया था। इसके लिए उन्होंने प्लाट की कीमत 7 हजार रुपए अदा की थी। केन्ट बोर्ड और नगर निगम से परिसीमन होने के बाद उन्हें प्लाट पर कब्जा देने की बात कही गई। सोसायटी से कई बार प्लाट का कब्जा देने के लिए कहा गया, लेकिन उन्हें कब्जा नहीं दिया गया। वर्ष 2006 में सोसायटी के प्रबंधक आरपी बाजपेयी की मृत्यु हो गई। अधिवक्ता अरुण जैन और विक्रम जैन ने तर्क दिया कि पूरी कीमत अदा करने के बाद भी प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया है। सुनवाई के बाद फोरम ने सोसायटी को दो माह के भीतर वर्तमान कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार प्लाट की कीमत का भुगतान करने का आदेश दिया है।

सागर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी को हाजिर होने आदेश

हाईकोर्ट ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर के रजिस्ट्रार आरएम जोशी और उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला को हाजिर होने का आदेश दिया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने परस्पर विरोधी हलफनामा पेश करने पर दोनों अधिकारियों को तलब किया है। मामले की सुनवाई 31 जुलाई को नियत की गई है। नर्मदा शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा विभाग और राज्य सरकार ने बीएड और एमएड में प्रवेश के लिए नीति बनाई है। इसके तहत बीएड और एमएड का प्रवेश एमपी ऑनलाइन के जरिए किया जाएगा। याचिका में आरोप लगाया गया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर द्वारा इस प्रक्रिया का उल्लघंन किया जा रहा है। अधिवक्ता मुकुंददास माहेश्वरी के तर्क सुनने के बाद युगल पीठ ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर के रजिस्ट्रार और उच्च शिक्षा विभाग को हलफनामा पेश करने का आदेश दिया था। परस्पर विरोधी हलफनामा पेश करने पर युगल पीठ ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर और उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी को तलब किया है।
 

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