डेंगू का कहर : उपराजधानी में 82 हजार जगहों पर लार्वा मिला
डेंगू का कहर : उपराजधानी में 82 हजार जगहों पर लार्वा मिला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में डेंगू के प्रकोप से मलेरिया विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अक्टूबर महीने में सर्वाधिक 186 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। डेंगू की उत्पत्ति साफ पानी में होती है। स्वास्थ्य विभाग ने शहर में 82 हजार 79 डेंगू के मच्छरों की उत्पत्ति स्थलों को चिह्नित किया है। इसमें नदी, नाले, पानी भरे खाली प्लॉट, इमारतों के बेसमेंट, निरुपयोगी कुएं आदि का समावेश है। एक सप्ताह से अधिक समय पानी जमा रहने से डेंगू के मच्छरों के लार्वा पैदा होने लगते हैं।
159 स्प्रे पंप का सहारा
डेंगू के मच्छरों पर नियंत्रण के लिए उत्पत्ति स्थल पर स्प्रे पंप से कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाता है। इसमें नीमटेक, एबेट, एबेलो ऑयल का प्रयोग किया जाता है। मनपा के मलेरिया विभाग के पास 217 स्प्रे पंप हैं। इसमें से 58 स्प्रे पंप तकनीकी खराबी आने से बंद पड़े हैं। 159 स्प्रे पंप के भरोसे संपूर्ण शहर में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
10 बड़ी मशीनों में एक बंद
मलेरिया, डेंगू के संक्रमण प्रभावित बस्तियों में मच्छरों पर नियंत्रण के लिए फॉगिंग किया जाता है। डेल्टामेथ्रीन, किंग फॉग, सायफोथ्रीन इसमें से कोई एक दवा डीजल में मिलाकर फॉगिंग मशीन से धुआं छोड़ा जाता है। मनपा स्वास्थ्य विभाग के पास 6 हैंड फॉगिंग और 10 बड़ी मशीनें हैं। इसमें से एक मशीन बंद पड़ी रहने की जानकारी मिली है। शहर के सभी इलाकों में डेंगू के मरीज मिलने से संपूर्ण शहर में फॉगिंग करने की नौबत आ गई है। जनसंख्या के मुकाबले फॉगिंग मशीन कम पड़ने से मच्छरों को नियंत्रित करने में विभाग के पसीने छूट रहे हैं।
213 कर्मचारियों के कंधों पर पूरा शहर
डेंगू, मलेरिया पर नियंत्रण करने के लिए फील्ड में काम करने वाले 213 कर्मचारी हैं। जनसंख्या के मुकाबले कार्यरत कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। कीटनाशक दवा का छिड़काव, संदिग्ध मरीजों के रक्त नमूने लेकर जांच के लिए भेजना, पॉजिटिव मरीजों का औषधोपचार, घरों का सर्वेक्षण कर संग्रहित पानी में डेंगू के लार्वा खोजकर नष्ट करने की कसरत करनी पड़ रही है। विभाग में कार्यरत कर्मचारियों में एमपीडब्ल्यू 32, एसएफडब्ल्यू 42, एमएस 12, फील्ड वर्कर 125, एफआई 1, आईसी 1 कुल मिलाकर फील्ड में काम करनेवालों की संख्या 213 है।
1098 संदिग्ध मरीज मिले
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मौसम में बदलाव के चलते डेंगू का खतरा बढ़ गया है। अक्टूबर महीने में डेंगू के सर्वाधिक 186 पॉजिटिव और 618 संदिग्ध मरीज मिले हैं। जनवरी से अक्टूबर तक 1098 संदिग्ध मरीज मिले, इसमें से 395 मरीजों में डेंगू पाया गया है। जनवरी महीने में एक की मौत हो चुकी है। सितंबर महीने में 324 संदिग्ध मरीजों के रक्त नमूनों की जांच की गई। इसमें से 144 मरीजों के नमूने डेंगू पॉजिटिव पाए गए। जनवरी से अक्टूबर तक 10 महीने में 1098 संदिग्ध मरीजों की जांच में 395 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिलने की पुष्टि मनपा के मलेरिया िवभाग ने की है।
डेंगू नियंत्रण में जनसहयोग जरूरी
मलेरिया व हाथीपांव नियंत्रण अधिकारी जयश्री थोटे के मुताबिक बस्तियों में मच्छरों की उत्पत्ति स्थल चिह्नित कर कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। घरों में टंकियों में जमा पानी में एबेट का मदर सोलुशन डालकर लार्वा की उत्पत्ति रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। डेंगू के प्रकोप से बचने के लिए घर तथा परिसर में पानी जमा नहीं रहने की नागरिकों को सावधानी बरती चाहिए। नागरिकों के सहयोग से ही डेंगू को नियंत्रित किया जा सकता है।