मराठा आरक्षण पर सर्वदलिय चर्चा और कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कराना चाहते हैं चंद्रकांत पाटील  

मराठा आरक्षण पर सर्वदलिय चर्चा और कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कराना चाहते हैं चंद्रकांत पाटील  

Tejinder Singh
Update: 2021-07-02 16:25 GMT
मराठा आरक्षण पर सर्वदलिय चर्चा और कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कराना चाहते हैं चंद्रकांत पाटील  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय चर्चा आयोजित करने की मांग की है। उन्होंने इस चर्चा का सीधा प्रसारण भी करने का आग्रह किया है। पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण पर ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ करने चर्चा आयोजित की जानी चाहिए। इसमें तय किया जाए कि मराठा आरक्षण बहाली के लिए सही मायनों में क्या किया जाना चाहिए। पाटील ने कहा कि चर्चा में विशेषज्ञ के रूप में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति एम जी गायकवाड, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दीलीप भोसले, वरिष्ठ वकील रफीक दादा जैसे मान्यवरों को आमंत्रित किया जाना चाहिए। 

अध्यादेश जारी करे केंद्र सरकारः संभाजी राजे 

राज्यसभा सांसद छत्रपति संभाजी राजे ने कहा है कि केंद्र सरकार मराठा आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी करे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को मराठा आरक्षण को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी। केंद्र सरकार को बताना होगा कि मराठा समाज को आरक्षण देना है अथवा नहीं। संभाजी राजे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। राज्य सरकार केवल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के जरिए राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद को आरक्षण के लिए सिफारिश कर सकती है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि 102वे संविधान संशोधन में राज्य के पास आरक्षण देने का अधिकार नहीं है। इस लिए भाजपा अब इस मामले में भ्रम न फैलाए।  इससे पहले प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री तथा मराठा आरक्षण समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने मराठा आरक्षण के मामले को केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया था। चव्हाण ने कहा था कि केंद्र सरकार को संसद में संविधान संशोधन की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। केंद्र सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दिए जाने वाले दिए जाने वाले आरक्षण की तरह मराठा समाज को भी आरक्षण देने का पैसला करे। 

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