निलंबन वापस लेने के लिए 25 हजार की रिश्वत लेने वाले अधिकारी को तीन साल की सजा

निलंबन वापस लेने के लिए 25 हजार की रिश्वत लेने वाले अधिकारी को तीन साल की सजा

Tejinder Singh
Update: 2019-04-30 15:29 GMT
निलंबन वापस लेने के लिए 25 हजार की रिश्वत लेने वाले अधिकारी को तीन साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निलंबन वापस लेने के लिए 25 हजार रुपए घूस लेने वाले मंत्रालय में तैनात अधिकारी को विशेष सत्र न्यायलय ने तीन साल कैद और 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी करार दिए गए उदयसिंह चौहान को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 2013 में घूस लेते हुए पकड़ा था। उस समय चौहान मंत्रालय में स्थित शहरी विकास विभाग में कक्ष अधिकारी के पद पर तैनात था।

मंगलवार को विशेष सत्र न्यायालय ने चौहान को एसीबी द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर दोषी करार दिया। चौहान को तीन साल साधारण कैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक महीने और कैद की सजा काटनी होगी। चौहान के खिलाफ उसी के विभाग में काम करने वाले एक शख्स ने शिकायत की थी। शिकायतकर्ता और उनके कुछ सहयोगियों को एक मामले में निलंबित कर दिया गया था। उसने चौहान से निलंबन वापस लेने की गुजारिश की तो उसने एक लाख रुपए घूस मांगी। लेकिन मोलभाव के बाद वह 25 हजार रुपए लेकर निलंबन वापस लेने को तैयार हो गया।

शिकायतकर्ता ने मामले की जानकारी एसीबी को दी जिसके बाद आरोपी को जाल बिछाकर पकड़ लिया गया। एसीपी शहाजी शिंदे ने मामले की छानबीन की और 2015 में चौहान के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। सरकारी वकील सुनील गोंसालविस की दलीलों के आधार पर चौहान को दोषी करार दिया गया। 

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