देशमुख ने इस्तीफा देने में कर दी देरी, फडणवीस ने कहा - बेचैन करने वाला है मुख्यमंत्री का मौन

देशमुख ने इस्तीफा देने में कर दी देरी, फडणवीस ने कहा - बेचैन करने वाला है मुख्यमंत्री का मौन

Tejinder Singh
Update: 2021-04-05 12:48 GMT
देशमुख ने इस्तीफा देने में कर दी देरी, फडणवीस ने कहा - बेचैन करने वाला है मुख्यमंत्री का मौन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा देने में देरी की है। उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि बाम्बे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा है। फडणवीस ने कहा कि देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का मौन बेचैन करने वाला है। मुख्यमंत्री सरकार को बचाने के लिए अलग-अलग तरह के समझौते कर रहे हैं लेकिन यह तो राज्य के इज्जत के साथ समझौता है। इस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना पड़ेगा। फडणवीस ने कहा कि पुलिस बल को निजी आर्मी की तरह वसूली के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो इससे अलग कोई निष्कर्ष नहीं निकल सकता। फडणवीस ने कहा कि पूजा चव्हाण आत्महत्या मामले में तत्कालीन वन मंत्री संजय राठोड के इस्तीफ के बाद पुलिस का जिस तरीके से व्यवहार नजर आ रहा है। मुझे लग रहा है कि पुलिस का यह व्यवहार देखकर ही हाईकोर्ट ने देशमुख पर लगे आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी है। मुझे लगता है कि कोई अदालत पूजा चव्हाण मामले की जांच भी सीबीआई को सौंप देगा। फडणवीस ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने गलत तरीके से देशमुख का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि मुझे संतोष है कि देशमुख के मामले में मैंने जो सबूत पेश किया था उसको अदालत ने भी माना है। 

इस्तीफे से बंद नहीं हुई हफ्ता वसूलीः देरकर

विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि देशमुख के इस्तीफे का फैसला स्वागत योग्य है। देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है इसका मतलब यह नहीं है कि हफ्ता वसूली बंद हो गई है। सीबीआई पूरे मामले की जांच करेगी। दरेकर ने कहा कि देशमुख पर 100 करोड़ रुपए वसूली का आरोप है। इसलिए मुझे लगता है कि इस मामले की जांच ईडी के पास जाएगी। जांच में पुलिस के तबादले और पदोन्नति में हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार सामने आएगा।  

आदेश का अध्ययन करना पड़ेगा- राऊत

शिवसेना सांसद संजय राऊत हाईकोर्ट के आदेश पर ज्यादा कुछ बोलने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि मैंने अदालत के आदेश को देखा नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन करना पड़ेगा। राऊत ने कहा कि इस मामले में अदालत ने फैसला दिया है लेकिन मामला थोड़ा राजनीतिक भी है। बीते 22 मार्च को लोकसभा में यह मामला उठाने वाले भाजपा सांसद मनोज कोटक ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे अब तो अपनी चुप्पी तोड़े। 

अब तो मुख्यमंत्री चुप्पी तोडेः कोटक

भाजपा सांसद ने कहा कि मैंने लोकसभा में मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। मैं हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।  

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